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भगवान परशुराम जन्मस्थली को पर्यटन स्थल घोषित करने पर काबड़ यात्रा निकाली, गूंजे 'हर-हर महादेव' और 'जय जय परशुराम' के जयकारे

भगवान परशुराम जन्मस्थली को पर्यटन स्थल घोषित कर ‘परशुराम पुरी’ नाम को स्वीकृति मिलने पर श्रद्धालुओं में उत्साह। प्रथम सोमवार को ढाईघाट से प्राचीन शिव मंदिर तक काबड़ यात्रा निकाली गई। हर-हर महादेव और जय श्री परशुराम के जयकारे गूंजे।

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Ambrish Nayak
शाहजहांपुर

Photograph: (वाईबीएन NETWRK)

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शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता । भगवान परशुराम जन्मस्थली को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने और 'परशुराम पुरी' नाम को आधिकारिक मान्यता मिलने की घोषणा से ब्राह्मण समाज सहित श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिला। केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद के प्रति आभार प्रकट करते हुए सोमवार को ऐतिहासिक काबड़ यात्रा का आयोजन किया गया। श्रावण मास के पहले सोमवार को ढाईघाट से भगवान परशुराम जन्मस्थली स्थित प्राचीन शिव मंदिर तक काबड़ यात्रा निकाली गई, जिसमें सैकड़ों शिवभक्तों ने भाग लिया। यात्रा मार्ग में 'हर-हर महादेव' और 'जय जय परशुराम' के गगनभेदी नारे गूंजते रहे। भक्तों ने शिवालय में पहुंचकर जलाभिषेक किया और मंगल कामनाएं कीं।

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शाहजहांपुर
Photograph: (वाईबीएन NETWRK)

इस अवसर पर ब्राह्मण चेतना परिषद के प्रदेश अध्यक्ष पं. विश्वदीप अवस्थी, चिरंजीव शुक्ला, शेखर अग्निहोत्री, मोती मिश्रा, बैंभव भट्ट, कुशल दीक्षित, मनोज अवस्थी, राजन अग्निहोत्री, प्रशांत मिश्रा, गौरव सक्सेना, बृज मोहन द्विवेदी, मुदित त्रिवेदी, राहुल शर्मा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु काबड़ यात्रा में शामिल हुए।
नगर में काबड़ यात्रा के पहुंचने पर समाजसेवी वीरेन पाठक और अधिवक्ता सर्वेश मिश्रा ने भक्तों का स्वागत कर जलपान की व्यवस्था कराई। शिव भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था। वातावरण पूरी तरह आध्यात्मिक रंग में रंगा नजर आया। भक्तों ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बताते हुए मांग की कि अब जन्मस्थली को भव्यता प्रदान करने के लिए स्थायी धार्मिक विकास की दिशा में भी कार्य हो। श्रद्धालुओं ने एक सुर में कहा कि परशुराम पुरी अब सिर्फ एक स्थान नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक पहचान बनती जा रही है।

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