Advertisment

रिश्तों में बढ़ रहा अविश्वास और तनाव, प्यार की जगह ले रही नफरत और हिंसा

शाहजहांपुर, मेरठ, इंदौर, औरैया व जयपुर से हालिया मामलों ने रिश्तों की हकीकत उजागर कर दी है। प्यार की जगह नफरत और विश्वास की कमी बढ़ रही है। मेडिकल कालेज के मनो विश्लेषक डा रोहिताश ईसा के अनुसार मानसिक तनाव, दबा गुस्सा और जबरन विवाह, प्रमुख कारण हैं।

author-image
Ambrish Nayak
6134050598723636848

Photograph:

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता। आज के समय में रिश्ते जितनी तेजी से बनते हैं, उतनी ही तेजी से टूट भी रहे हैं। कभी प्यार, भरोसा और साथ निभाने का वादा रिश्तों की नींव हुआ करता था, लेकिन अब यही रिश्ते धोखा, तनाव और हत्या जैसे खौफनाक अंजाम तक पहुंचने लगे हैं।

हाल ही में देश के कई हिस्सों से ऐसे मामले सामने आए हैं। शाहजहांपुर के सोनम केस से पहले मेरठ की मुस्कान ने खौफनाक वारदात कर सबको दहला दिया था। इंदौर में पत्नी ने हनीमून ट्रिप पर ही पति की हत्या करवा दी। औरैया में शादी के महज 15 दिन बाद दुल्हन ने पति की हत्या करा दी। वहीं, जयपुर में एक महिला ने अपने अफेयर का खुलासा होने पर बॉयफ्रेंड संग मिलकर पति को मौत के घाट उतार दिया।
इन घटनाओं ने समाज को झकझोर कर रख दिया है और यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर क्यों रिश्तों में प्यार और अपनापन खत्म होता जा रहा है।

विशेषज्ञ की राय

क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डा. रोहताश सिंह ईशा ने इस मनोविकृति के कई कारण बताए हैं। इनमें 

मानसिक तनाव

दबा हुआ गुस्सा

जबरन कराई गई शादियां

नैतिकता की कमी

भावनात्मक कमी

रिश्तों में विश्वास का अभाव, प्रमुख कारक है। 

मनोविश्लेषक डा. ईशा के अनुसार जब किसी की भावनाओं को नजरअंदाज किया जाता है तो वह खुद को असहाय महसूस करने लगता है। धीरे-धीरे यही असहायता आक्रोश का रूप ले लेती है और कभी-कभी हिंसक वारदातों का कारण बन जाती है।

सोशल मीडिया और दिखावटी जीवनशैली का असर

फेसबुक, इंस्टाग्राम, वाटसएप आदि सोशल मीडिया प्लेटफार्म  पर फिल्मों की नकली दुनिया भी इस समस्या को बढ़ा रही है। लोग वास्तविक रिश्तों में कमी महसूस कर कई बार एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की ओर बढ़ जाते हैं। यही कारक उनके पतन का कारण बन जाते है। 

समस्या के यह हैं जरूरी समाधान 

Advertisment

विशेषज्ञ का मानना है कि समाज को मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से लेना होगा।

प्री मैरिटल काउंसलिंग और फैमिली साइकोथैरेपी को बढ़ावा देना जरूरी है।

दंपतियों के बीच संवाद और समझ बढ़ाने की जरूरत है।

परिवारों में बच्चों को भावनात्मक शिक्षा और सहनशीलता की आदत डालनी चाहिए।

ध्यान रखें, रिश्ते हिंसा से नहीं, बल्कि विश्वास और बातचीत से चलते हैं। जरूरत है कि, समाज इस सच्चाई को समझे और रिश्तों को टूटने से बचाने की दिशा में ठोस कदम उठाए। 

नोट : मेडिकल कालेज के मनोविश्लेषक डा. रोहिताश ईशा व समाजशास्त्री के साथ बुधवार को विशेष बातचीत के साथ समस्या पर चर्चा होगी। आप मोबाइल नंबर 9451959697 पर अपने प्रश्न भेजें, विशेषज्ञ के माध्यम से उनका जवाब दिया जाएगा। 

यह भी पढ़ें:-

मेरठ के बाद राजस्थान में शाहजहांपुर के युवक की हत्या, नीले ड्रम में मिला शव, पत्नी-बच्चे लापता

Advertisment

शाहजहांपुर हिस्ट्रीशीटर की हत्या का खुलासा, पुलिस कराएगी डीएनए जांच, हाथ पर टैटू देखकर पत्नी ने पहचाना था शव, 4 गिरफ्तार

जरा याद करो कुर्बानीः शौर्य, पराक्रम की मिसाल थे मौलवी अहमद उल्ला शाह, 1857 स्वतंत्रता क्रांति में देश के लिए आहुत किया शीश, हुए शहीद

Election Commission: फिल्म अभिनेता को झटका, सर्व समभाव पार्टी समेत दो राजनीतिक दलों के पास पहुंचा निर्वाचन आयोग का नोटिस, 21 तक मांगा जवाब

Advertisment
Advertisment