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बाबा वनखंडी नाथ मंदिर और त्रिलोकीनाथ धाम मंदिर Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता । श्रावण मास में नगर का बाबा विश्वनाथ मंदिर, बाबा वनखंडी नाथ मंदिर, पैना बुजुर्ग गांव स्थित बाबा त्रिलोकीनाथ धाम आदि शिवालय श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र बने हुए हैं। पहले ही दिन मेला जैसा दृश्य रहा। हजारों श्रद्धालुओं ने लंबी कतारों में लगकर भोलेनाथ के दर्शन कर बिल्व पत्र, धतूरा, भांग, आक, गंगाजल आदि से जलाभिषेक किया। सावन के सोमवार पर भारी ह किलोमीटर लंबी लाइनें श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमाण बन जाती हैं।
सिंधौली ब्लॉक के पैना बुजुर्ग गांव में स्थित त्रिलोकीनाथ धाम की स्थापना वर्ष 1999 में विजय जी महाराज द्वारा की गई थी। रिंग रोड के किनारे स्थित इस मंदिर में उन्होंने शिवलिंग की स्थापना की थी, जिसके बाद मंदिर की ख्याति पूरे क्षेत्र में फैल गई। वर्तमान में यह मंदिर एक विशाल परिसर में विकसित हो चुका है, और निर्माण कार्य अब भी जारी है।
मंदिर में भगवान शिव की एक विशाल प्रतिमा के साथ-साथ शिव परिवार की भव्य मूर्तियां भी श्रद्धालुओं को आकर्षित करती हैं। मान्यता है कि यहां सच्चे मन से की गई प्रार्थना अवश्य फलदायक होती है। विजय जी महाराज, जो मंदिर के संस्थापक और वर्तमान में सर्वराकार हैं, हर सोमवार, शुक्रवार और पूर्णिमा को श्रद्धालुओं की समस्याओं के समाधान के लिए 'गद्दी' लगाते हैं।
मंदिर के सेवक रुपेंद्र के अनुसार, इस 'गद्दी' में सैकड़ों श्रद्धालु अपनी समस्याएं लेकर पहुंचते हैं, जहां विजय जी महाराज उन्हें मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
श्रद्धा और विश्वास का यह केंद्र सावन के महीनों में विशेष रूप से जीवंत हो उठता है, जहां दूर-दराज से भक्त महादेव की पूजा-अर्चना के लिए जुटते हैं। यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा और भक्ति भावना हर भक्त के मन को शांति प्रदान करती है।
बाबा वनखंडी नाथ मंदिर
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बाबा वनखंडी नाथ मंदिर
हर सोमवार को श्रद्धालुओं की भीड़
बाबा वनखंडी नाथ मंदिर में प्रत्येक सोमवार को श्रद्धालुओं की भीड़ होता है। सोमवार का दिन शिवभक्तों के लिए विशेष माना जाता है, इसलिए इस दिन यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। मंदिर के आसपास प्रसाद और पूजन सामग्री की अनेक दुकानें सज जाती हैं,
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सावन के सोमवार को मिलते हैं मुश्किल से दर्शन
सावन महीने में बाबा वनखंडी नाथ मंदिर पर श्रद्धालुओं की भीड़ अत्यधिक बढ़ जाती है। विशेष रूप से सोमवार को तो दर्शन पाना बेहद कठिन हो जाता है। सुबह चार बजे से ही मंदिर परिसर में करीब भीड़ लंबी लाइन लग जाती है। घंटों प्रतीक्षा के बाद श्रद्धालु शिवलिंग पर जलाभिषेक कर पाते हैं। इसके बावजूद उनकी आस्था और उत्साह में कोई कमी नहीं आती। श्रद्धालु हर सावन सोमवार को लंबी प्रतीक्षा के बाद भी पूरे श्रद्धा से बाबा भोलेनाथ के दर्शन करते हैं।
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बाबा त्रिलोकीनाथ धाम
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बाबा त्रिलोकीनाथ धाम
बाबा त्रिलोकीनाथ धाम हर सोमवार को लगता है मेला
सोमवार को भोले बाबा का दिन माना जाता है। इस वजह से हर सोमवार यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ते हैं। आसपास प्रसाद आदि की दुकानें लगाए जाने से लगभग दो किलोमीटर स्थान क्षेत्र मेला क्षेत्र बन जाता है। लोग यहां खरीदारी भी करते हैं। मंदिर में महिलाओं-पुरुषों के लिए अलग-अलग लाइन लगती है। मंदिर के एक ओर से प्रवेश दिया जाता है और दूसरी ओर से निकास की व्यवस्था है।
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बाबा त्रिलोकीनाथ धाम सावन के सोमवार को मुश्किल से मिलते हैं दर्शन
वैसे तो सावन भर मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं लेकिन सोमवार को श्रद्धालुओं का रेला उमड़ता है। सुबह चार बजे से ही करीब दो किलोमीटर लंबी लाइन लग जाती है। घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद महिला-पुरुष श्रद्धालु शिवलिंग पर जलाभिषेक कर पाते हैं। इसके बावजूद उनका उत्साह कम नहीं होता। तमाम श्रद्धालु सावन के हर सोमवार को घंटों लाइन में लगकर भोले बाबा के दर्शन पाते हैं।
बाबा त्रिलोकीनाथ पर श्रद्धालुओं का अटूट विश्वास
मंदिर के संस्थापक विजय जी महाराज आठ वर्ष की आयु से शिवभक्ति में लीन रहे। उन्होंने बताया कि त्रिलोकीनाथ धाम पर श्रद्धालुओं का अटूट विश्वास है। मनोकामना लेकर आने वाले श्रद्धालु यहां से खाली हाथ नहीं लौटते हैं। इसी वजह से मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं में इतनी गहरी आस्था है। उन्होंने निगोही में अपने पैतृक गांव उदारा और जलालाबाद के लहरावल गांव में भी भोलेनाथ के मंदिर का निर्माण करा रहे हैं।
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