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शाहजहांपुर में स्कूल मर्जर का विरोध तेज, शिक्षकों ने सरकार के फैसले को बताया तुगलकी फरमान

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से 50 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को बंद कर नजदीकी स्कूलों में मर्ज करने के फैसले के खिलाफ पर शाहजहांपुर में सभी विकास खंडों में शिक्षकों, ग्राम प्रधानों और एसएमसी अध्यक्षों ने बैठक कर जोरदार विरोध दर्ज किया।

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Ambrish Nayak
शाहजहांपुर

Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

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शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता । उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर प्रदेश सरकार के उस आदेश के खिलाफ सोमवार को जिले के सभी ब्लॉकों में शिक्षकों, ग्राम प्रधानों और विद्यालय प्रबंधन समितियों ने एकजुट होकर मोर्चा खोल दिया, जिसमें 50 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को बंद कर नजदीकी स्कूल में विलय (पेयरिंग) करने की बात कही गई है।

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शाहजहांपुर
Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

विकास खंड भावलखेड़ा में आयोजित बैठक की अध्यक्षता संघ की प्रांतीय संगठन मंत्री अर्चना तिवारी ने की। यह बैठक बीआरसी भावलखेड़ा में आयोजित हुई, जहां शिक्षकों ने सरकार के निर्णय को ‘तुगलकी फरमान’ बताते हुए इसे बच्चों और ग्रामीणों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कहा। ब्लॉक अध्यक्ष और जिला मीडिया प्रभारी राजकुमार तिवारी ने कहा कि यह आदेश शिक्षा के निजीकरण की साजिश का हिस्सा है और आरटीई अधिनियम के खिलाफ है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि विद्यालय प्रबंधन समितियों की असहमति के बावजूद जबरन मर्जर किया जा रहा है जो असंवैधानिक है।

बैठक में जिला उपाध्यक्ष केके सिंह जिला प्रचार मंत्री सुषमा गुप्ता, वारिस अली, पुनीत दीक्षित, रेनू शुक्ला समेत बड़ी संख्या में शिक्षक व बंद किए जाने वाले विद्यालयों के हेड टीचर, एसएमसी अध्यक्ष मौजूद रहे और सभी ने सामूहिक विरोध दर्ज किया। इसी क्रम में विकास खंड ददरौल में भी बीआरसी पर आयोजित बैठक में वरिष्ठ शिक्षक अभिराम सिंह की अध्यक्षता में शिक्षक एकजुट हुए। जिला अध्यक्ष मुनीश मिश्रा ने कहा कि सरकार बच्चों के शिक्षा अधिकार को छीन रही है।उन्होंने कहा एक किलोमीटर की दूरी पर स्कूल इसलिए खोले गए थे ताकि हर बच्चा सुलभ शिक्षा पा सके। अब उन्हीं स्कूलों को बंद किया जा रहा है जिससे गरीब बच्चों की शिक्षा बाधित होगी।

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शाहजहांपुर
Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

इस विरोध सभा में जिला कोषाध्यक्ष रविंद्र पाल प्रजापति, ओपी राजपूत, सुषमा गुप्ता, अलका कुशवाहा, राजेश प्रजापति, अनीस अहमद, मुजाहिद खान, फरहा नाज़, अवधेश सिंह, विनीत गुप्ता समेत सैकड़ों शिक्षक शामिल हुए।

विकास खंड जलालाबाद, कांट, सिंधौली, मदनापुर, बंडा, कटरा खुदागंज, तिलहर और जैतीपुर में भी इसी प्रकार की बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें स्थानीय शिक्षक ग्राम प्रधान व एसएमसी प्रतिनिधियों ने भाग लेकर अपने-अपने क्षेत्र में स्कूल बंदी के फैसले का विरोध किया। संघ ने चेताया है कि यदि सरकार ने निर्णय वापस नहीं लिया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

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