शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता। रोडवेज बस स्टैंड परिसर में संविदा पर कार्यरत चालक व परिचालकों ने अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी कर्मियों ने आरोप लगाया कि ड्यूटी से हटाने के नाम पर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है जबकि वास्तविक समस्याओं को अनदेखा किया जा रहा है।सुबह करीब साढ़े दस बजे चालक-परिचालक बस स्टैंड परिसर में दरी बिछाकर बैठ गए और जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी कर्मियों का कहना था कि दिल्ली जाने वाली बसें छह किलोमीटर प्रति लीटर डीजल का औसत दे देती हैं, लेकिन छोटे रूटों पर चलने वाली बसें इतनी क्षमता नहीं दे पातीं। इसके अलावा, पार्किंग स्थल काफी दूर होने से बसें खड़ी करने में दिक्कत आती है, और बीच रास्ते में खड़ी करने पर पुलिस द्वारा टोका जाता है। इससे चालक-परिचालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
संविदाकर्मियों का आरोप था कि दो दिन पहले तैनात हुए एआरएम अरुण कुमार ने बिना स्पष्ट कारण कई लोगों को ड्यूटी से हटा दिया। हालांकि करीब 20 मिनट के धरने के बाद एआरएम ने सभी को अपने कार्यालय में वार्ता के लिए बुलाया। बातचीत के दौरान चालक-परिचालकों ने अपनी समस्याएं रखीं। मौके पर पुलिस भी पहुंची, लेकिन स्थिति शांतिपूर्ण बनी रही।बाद में एआरएम अरुण कुमार ने स्पष्ट किया कि उन्होंने किसी को भी नहीं हटाया है। उन्होंने कहा कि वह दो दिन पहले ही तैनात हुए हैं और बसों के डीजल औसत को मानक के अनुसार छह किलोमीटर प्रतिलीटर रखने की बात कही गई है, जिसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजनी होती है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर वापस लौट गए हैं और स्थिति सामान्य है।
यात्रियों को उठानी पड़ी परेशानी
रोडवेज परिसर में संविदा चालक-परिचालक के धरने की वजह से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। उन्हें बस चलने का इंतजार करना पड़ा। कई लोगों को वापस लौटना पड़ा। यात्री बार-बार खिड़की पर पूछताछ करते दिखे।
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