जैतीपुर विकासखंड के सुरजूपुर गांव में जानलेवा बुखार से एक छात्र की मौत हो गई। वह कई दिनों से बुखार से पीड़ित था। गांव तथा जैतीपुर में इलाज के बाद तिलहर सीएचसी लाया गया। जिसे चिकित्सकों ने मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था।
बुखार से ग्रस्त बच्चा Photograph: (इंटरनेट मीडिया)
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शाहजहांपुर,वाईबीएन संवाददाता
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उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जनपद के विकास खंड जैतीपुर में जानलेवा बुखार ने दस्तक दे दी है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग पूरे जोर-शोर से बुखार के उन्मूलन के लिए सक्रिय होने का दावा कर रहा है। किंतु यह दावे हवा हवाई साबित रहे हैं।
विकासखंड जैतीपुर के ग्राम सूरजपुर का 15 वर्षीय रुपेश जानलेवा बुखार का शिकार हो गया। जो कक्षा आठ का छात्र था। पीड़ित रूपेश का गांव में इलाज चलता रहा। जैतीपुर में मेडिकल स्टोर से दवा लेने के बाद भी जब स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ तो परिजनों ने निजी क्लीनिक पर दिखाया। उपचार में लाभ न होने पर परिजन तिलहर ले गए जहां चिकित्सकों ने रूपेश की हालत गंभीर बताते हुए राजकीय मेडिकल कॉलेज शाहजहांपुर रेफर कर दिया। किंतु समय पर 108 सेवा उपलब्ध नहीं हो सकी और आर्थिक रूप से कमजोर परिजन निजी संसाधनों से जब तक मेडिकल कॉलेज ले जाते रुपेश दुनिया से विदा हो गया।
जूनियर हाई स्कूल के कक्षा 5 के छात्र की बुखार के कारण मौत से घर में कोहराम मचा है परिजन अपने बेटे को खोकर सदमे में है। छात्र अपने पांच भाई बहनों मे सबसे बड़ा था। मां बबली का रो-रो कर बुरा हाल है। आसपास के लोग परिजनों को ढांढ़स बंधा रहे हैं। आसपास क्षेत्र में बुखार का प्रसार तेजी से हो रहा है। मगर जिम्मेदार खामोश है और स्थिति को नियंत्रण में बता रहे हैं।
संक्रामक रोगों के फलस्वरूप अस्पतालों का हाल Photograph: (इंटरनेट मीडिया)
स्वास्थ्य सेवाओं, एम्बुलेंस और उपचार के लिए तत्पर है विभाग
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तिलहर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ ओमेंद्र राठौर का कहना है कि उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं, एंबुलेंस सेवा और उपचार के लिए निशुल्क दवाइयों के साथ स्वास्थ्य विभाग और कर्मचारी पूरी तरह से तत्पर हैं। जो भी रोगी आता है, सुविधाओं का पूरा लाभ दिलाने का प्रयास है । एम्बुलेंस 108 सेवा के लिए लखनऊ कॉल करने पर उपलब्धता के आधार पर एंबुलेंस से रोगियों को मेडिकल कॉलेज भेजा जाता है। रोगों से बचाव , जागरूक करने के लिए विभाग द्वारा अभियान चलाए जा रहे हैं। जिसमे संचारी रोग, फाइलेरिया ,मलेरिया ,दवा छिड़काव आदि प्रमुख है।
हम यह नहीं चाहते कि लोग वायरल फीवर को लेकर डर के माहौल में रहे लेकिन वह अपनी व्यक्तिगत स्वच्छता के प्रति अधिक सावधान रहकर बीमारियों से बच सकते हैं। कुछ आसान टिप्स जिन्हें अपनाकर बचाव किया जा सकता है।
-बदलते मौसम के दौरान फुल स्लीव्स के कपड़े पहने और सर्दी से बचाव रखें।
-फ्रिज का पानी न पिए हो सके तो उबालकर ठंडा गुनगुना पानी प्रयोग करें।
-डिटॉल लिक्विड हैंड वाश जैसे प्रभावित रोगाणु नाशक या साबुन से हाथ धोकर ही भोजन करें।
-भीड़भाड़ बाली जगह से दूर रहें और हो सके तो मास्क का प्रयोग करें।
बिना हाथ धोये अपने चेहरे मुंह और नाक को छूने से परहेज करें।
-वायरल बुखार होने पर एक और महत्वपूर्ण बात का ध्यान रहे संक्रमित व्यक्ति के छींकने, खांसने, और उबासी लेने से पहले अपने मुंह और नाक को रुमाल से ढक लें।
-पंखा चला कर न सोए।
-तेज बुखार, खांसी-जुकाम ठंड और कमजोरी लगने पर योग्य चिकित्सक से संपर्क करें।
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