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Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता
उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना में अब सड़क सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। हाईवे पर बनाई जाने वाली विशेष पट्टियों में अलार्म सेंसर लगाए जा रहे हैं। जैसे ही वाहन का पहिया इन पट्टियों पर चढ़ेगा, अलार्म बज उठेगा जिससे चालक सतर्क हो जाएगा। यह तकनीक विशेष रूप से रात में झपकी आने की स्थिति में दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करेगी।
शाहजहांपुर जिले में यह हाईवे जलालाबाद क्षेत्र से होकर गुजर रहा है। यहां लगभग 40 किलोमीटर लंबे हिस्से में 85 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा किया जा चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हाल ही में की गई समीक्षा में बताया गया कि गंगा एक्सप्रेसवे का कार्य तेजी से अंतिम चरण में है और नवंबर 2025 तक इसे पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
एयरस्ट्रिप की विशेषता
शाहजहांपुर के हिस्से में एक्सप्रेसवे पर 3.5 किलोमीटर लंबी एयरस्ट्रिप का भी निर्माण किया गया है, जो भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों की रात में लैंडिंग के लिए भी सक्षम होगी। यह देश की पहली एक्सप्रेसवे एयरस्ट्रिप है जिसमें नाइट लैंडिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। यह न केवल सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि क्षेत्र को राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जोड़ता है।
12 जिलों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेसवे
गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ से शुरू होकर प्रयागराज तक जाएगा और 12 जिलों से होकर गुजरेगा। इसमें मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज शामिल हैं।
टोल प्लाजा और यातायात प्रबंधन
एक्सप्रेसवे पर दो मुख्य टोल प्लाजा बनाए जा रहे हैं एक मेरठ के बिजौली में और दूसरा प्रयागराज में। इसके अलावा 12 रैंप टोल प्लाजा भी होंगे। यह व्यवस्था ईस्टर्न पेरिफेरल की तरह आधुनिक और डिजिटल होगी।
स्थानीय लोगों में उम्मीदें
शाहजहांपुर व आसपास के गांवों में रहने वाले लोगों को इस परियोजना से रोजगार, तेज़ आवाजाही और आर्थिक गतिविधियों के विस्तार की उम्मीद है। सुरक्षा तकनीकों के जुड़ने से लोगों में और अधिक विश्वास पैदा हो रहा है।
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