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शाहजहांपुर के खुटार क्षेत्र के चांदपुर गांव में लगाए गए पिंजरे में कैद तेंदुआ।
शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता। खुटार क्षेत्र के चांदपुर गांव में सोमवार सुबह उस समय हलचल मच गई, जब बाघ के लिए लगाए गए पिंजरे में तेंदुआ कैद हो गया। करीब डेढ़ माह से गांव और आसपास के क्षेत्रों में बाघ की चहलकदमी से दहशत बनी हुई थी। ग्रामीणों ने कई बार बाघ को देखे जाने की पुष्टि की है।
कई पशु बने शिकार
गांव और आसपास के इलाके में बाघ की मौजूदगी से अब तक कई मवेशी उसकी भेंट चढ़ चुके हैं।
8 जुलाई को कोल्हुगढ़ा गांव में बाघ ने गाय का शिकार किया था।
3 अगस्त को चांदपुर गांव में लालता प्रसाद और शिवप्रसाद की बकरियों को उठा ले गया।
11 अगस्त को आलोक त्रिवेदी के घर से बछिया को खींच ले गया।
इन घटनाओं के बाद से ग्रामीणों में खौफ का माहौल है।
तेंदुआ कैद, बाघ की तलाश बाकी
ग्रामीण विपिन, सर्वेश और आलोक ने बताया कि उन्होंने गांव में कई बार बाघ देखा है। ऐसे में तेंदुआ फंसने के बावजूद डर कम नहीं हुआ है। सोमवार सुबह करीब छह बजे चांदपुर में लगाए गए पिंजरे में तेंदुआ कैद हो गया। वन विभाग की टीम उसे मैलानी स्थित रेंज कार्यालय ले गई।
मेडिकल जांच में स्वस्थ मिला तेंदुआ
रेंजर मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि तेंदुआ का मेडिकल परीक्षण कराया गया है, जिसमें वह पूरी तरह स्वस्थ है। उसे संबंधित टाइगर रिजर्व या दुधवा पार्क में छोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि जंगल गांव के करीब है, इसलिए जंगली जानवरों का आबादी की तरफ आना स्वाभाविक है।
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