शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता
जनपद के कांट ब्लॉक स्थित ग्राम पंचायत मीरवैश्यपुर में मनरेगा योजना के तहत सरकारी धन के दुरुपयोग का बड़ा मामला सामने आया है। ग्राम निवासी शिवओम सिंह ने जिला अधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर पंचायत प्रधान जसपाल सिंह पर लाखों रुपये के गबन का आरोप लगाया है।
शिकायत के अनुसार, वर्ष 2021 से अब तक ग्राम प्रधान ने अपने नजदीकी रिश्तेदारों के नाम पर फर्जी मजदूरी दर्शाकर सरकारी कोष से धनराशि निकाली है। आरोप है कि प्रधान ने अपने दो बेटों विवेक सिंह, अजय सिंह, सगे भाई योगपाल, भाई की पत्नी ममता देवी, विकलांग चाची पिंकी देवी, तथा सगे बहनोई रामसरन के नाम पर मजदूरी का भुगतान कराया।
प्रार्थना पत्र में उल्लेख किया गया है कि इनमें से कई पात्रता के मानकों पर खरे नहीं उतरते। रामसरन के पास लगभग 50 बीघा कृषि भूमि है, जबकि गोपाल सिंह वर्तमान में होमगार्ड के पद पर कार्यरत हैं, फिर भी इन दोनों के नाम पर मजदूरी दिखाई गई।
पूर्व में भी सामने आया था गबन का मामला
शिवओम सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि इससे पहले भी ग्राम प्रधान द्वारा नल मरम्मत कार्यों के नाम पर लाखों रुपये का गबन किया गया था। शिकायत की जांच के बाद दोष सिद्ध होने पर जिला अधिकारी ने गबन की गई राशि को सरकारी खाते में जमा कराने का आदेश दिया था, लेकिन अभी तक वह धनराशि पंचायत खाते में जमा नहीं कराई गई है।
मंजूरी के बावजूद नहीं हुआ फोटोग्राफ अपलोड
मनरेगा के दिशा-निर्देशों के अनुसार, मजदूरों के कार्य करते समय की फोटो साइट पर अपलोड करना अनिवार्य है, लेकिन शिकायत में कहा गया है कि जिन लोगों के नाम मजदूरी दिखाई गई है, उनकी कोई भी कार्यरत फोटो साइट पर उपलब्ध नहीं है। इससे कार्यों की वास्तविकता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
जांच की मांग, दोषियों पर कार्रवाई की अपील
शिवओम सिंह ने जिला अधिकारी से मामले की निष्पक्ष जांच कराते हुए दोषियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। प्रार्थना पत्र में यह भी कहा गया है कि सरकारी धन की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाना जरूरी है, ताकि भविष्य में इस तरह की अनियमितताओं पर अंकुश लगाया जा सके।
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