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फर्जी पासबुक Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता ।उप डाकघर में खाताधारकों की लाखों रुपये की जमा राशि में हुई हेराफेरी का मामला अब गंभीर जांच के दायरे में है। शनिवार को पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने से पूर्व पूरे दिन साक्ष्य एकत्र करने में सक्रियता दिखाई। प्रारंभिक जांच में डाकघर के दो कर्मचारियों और एक कर्मचारी के पुत्र की भूमिका संदिग्ध पाई गई है।
थाना प्रभारी ओमप्रकाश ने बताया कि अभी आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाए जा रहे हैं। पर्याप्त साक्ष्य मिलने के बाद संबंधित धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की जाएगी और कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी।
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इस मामले में डाक निरीक्षक अमर पाल, जो नामित जांच अधिकारी हैं, ने शुक्रवार को थाने में तहरीर दी थी। तहरीर 12 खाताधारकों के बयान और प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर तैयार की गई। जांच में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि कई पासबुकों में जो राशि दिखाई गई थी, वह डाकघर के सॉफ्टवेयर रिकॉर्ड से मेल नहीं खा रही थी।
इससे यह साफ जाहिर हुआ कि पासबुक में जानबूझकर फर्जी एंट्रियां की गईं ताकि खाताधारकों को वास्तविक बैलेंस की गलत जानकारी दी जा सके। इतना ही नहीं, जांच में यह भी सामने आया कि एक आरोपी का पुत्र, जो डाक विभाग में किसी पद पर नियुक्त नहीं था, खाताधारकों से धन और पासबुक का लेनदेन कर रहा था। यह स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन है और इसी के जरिए लाखों की हेराफेरी की गई।
डाक विभाग की आंतरिक जांच के बाद पूरा मामला पुलिस को सौंपा गया था। अब पुलिस सभी दस्तावेजों की गहन पड़ताल कर रही है और आरोपियों के खिलाफ मजबूत केस तैयार करने में जुटी है। अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि शीघ्र ही नामजद एफआईआर दर्ज की जाएगी और दोषियों को गिरफ्तार कर कठोर कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
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