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Photograph: (शाहजहांपुर netwrk)
शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता।जलालाबाद के पूर्व माध्यमिक विद्यालय मालूपुर में बुधवार को चंद्रशेखर आज़ाद की जयंती श्रद्धापूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर छात्रों व शिक्षकों ने उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर राष्ट्र के लिए दिए गए बलिदान को याद किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रधानाध्यापक नरेंद्र पाल सिंह ने किया । उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि चंद्रशेखर आज़ाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में हुआ था। वे बचपन से ही निर्भीक और देशभक्त थे। उन्होंने देश को आज़ाद कराने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। प्रधानाध्यापक ने बताया कि उन्होंने कभी अंग्रेजों के आगे आत्मसमर्पण नहीं किया। 27 फरवरी 1931 को जब इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में अंग्रेजों ने उन्हें घेर लिया तो उन्होंने अंतिम गोली खुद को मारकर शहादत दे दी और अपने वचन मैं आज़ाद था,आज़ाद हूँ और आज़ाद रहूंगा को चरितार्थ कर दिखाया।
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कार्यक्रम में प्रांतीय जूनियर हाईस्कूल अनुदेशक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विपिन अग्निहोत्री ने छात्रों को चंद्रशेखर आज़ाद के क्रांतिकारी जीवन से परिचित कराया। उन्होंने बताया कि आज़ाद ने काकोरी कांड, सांडर्स वध, वायसराय की ट्रेन को उड़ाने की योजना और भगत सिंह के साथ असेम्बली में बम फेंकने जैसी घटनाओं में अग्रणी भूमिका निभाई। उन्होंने यह भी बताया कि बनारस में पढ़ाई के दौरान वे असहयोग आंदोलन से जुड़े और 17 वर्ष की उम्र में ही हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन में शामिल हो गए थे। जलियांवाला बाग हत्याकांड ने उनके भीतर क्रांति की ज्वाला प्रज्वलित कर दी थी। कार्यक्रम में राम शंकर सिंह सहित अन्य शिक्षकगण उपस्थित रहे। अंत में छात्रों ने भारत माता की जय के नारे लगाकर आज़ाद के बलिदान को याद किया और उनके पदचिह्नों पर चलने का संकल्प लिया।
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