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ग्राम पंचायत मुड़िया आस(वाईबीएन नेटवर्क)
बेशाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता ।जनपद से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम मुड़िया आस आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है। कांट ब्लॉक से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर होने के बावजूद यहां तक पहुंचने के लिए कोई समुचित रास्ता नहीं है। शाहजहांपुर -जलालाबाद मार्ग संख्या 29 रोड से लगभग एक किलोमीटर अंदर स्थित इस गांव को जोड़ने वाला जमुनिया बमरोली संपर्क मार्ग मार्ग उखड गया है। अनदेखी के कारण रोड पर पानी भरा रहता है । हालत यह कि बरसात के मौसम में गांव के लिए आवागमन दुरूह हो जाता है।
गडढों में खो गई गांव की मुख्य सडक
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गांव की आंतरिक स्थिति भी बेहद दयनीय है। अधिकांश नालियां जाम हैं। गंदा पानी सड़कों पर बह रह है। सफाई व्यवस्था बदहाल है, इससे नालियां गंदगी से बजबजा रही है। नियमित कूड़ा उठाव न होने से हालात और भी बदतर हो गए हैं। नतीजतन ग्रामीणों को रोजाना जलभराव और कीचड़ से जूझना पडता है।
जनप्रतिनिधियों से ग्रामीण निराश
गांव का नाम मुडिया आस है, लेकिन यहां ग्रामीण जनप्रतिनिधियों से बेहद निराश है। उनका कहना है कि वे वर्षों से पक्के मार्ग की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक न तो किसी जनप्रतिनिधि ने ध्यान दिया, न ही प्रशासन ने सुध ली। अस्पताल, स्कूल, बाजार या किसी जरूरी काम से बाहर जाने के लिए कठिनाइयों से जूझना पडता है। गांव की महिलाएं और बुजुर्ग भी स्थिति से परेशान हैं।
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हर बार मिला आश्वासन
उपेक्षा से ग्रामीण बेहद आहत हैा। कई बार संबंधित अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों से भी शिकायत की है, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला। गांव के युवा और बुजुर्ग सभी यह सवाल उठाने लगे हैं कि जब जिला मुख्यालय और ब्लॉक इतनी नजदीक हैं, तो फिर गांव को मूलभूत सुविधाओं से वंचित क्यों रखा गया है?
कागजों में सिमटी विकास योजनाएं
मुड़िया आस की दुर्दशा स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को भी उजागर करती है। इससे आहत ग्रामीण मीडिया की ओर आसा भरी नजरों से देख रहे हैा। गांव में यंग भारत न्यूज की जब टीम पहुंची तो सभी के मन में बहुरने की उम्मीद जागी उठी।
मनरेगा में भी हेराफेरी
मनरेगा योजना के तहत कराए जा रहे कार्यों में भी हेराफेरी के आरोप है। गांव के अनिल यादव और धनपाल ने बताया कि मनरेगा में असली मजदूरों को काम नहीं मिल रहा। आरोप है कि फर्जी खातों के जरिए कुछ लोगों के नाम पर हाजिरी लगाई जा रही है, जबकि पात्र ग्रामीण बेरोजगार हैं और उन्हें काम नहीं मिल रहा।
अनिल कहा कहना है कि अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी लोगों के नाम से खुलवाए गए खातों में मनरेगा की धनराशि भेजी जा रही है। तहसील व ब्लाक में शिकायत की गई,लेकिन कार्रवाई नहीं हुई ।
हमें भी नहीं मिला काम, बोले धनपाल
धनपाल का कहना था कि उन्होंने भी कई बार काम मांगा, लेकिन हर बार टाल दिया गया। जो काम दिख रहा है, उसमें गांव के असली बेरोजगार नहीं बल्कि फर्जी नाम से हाजिरी भरकर बंदरबांट किया गया है।
कंपोस्ट गड्ढे की गावों वालों को जानकारी ही नहीं क्या फर्जी तरीके से निकाला भुगतान गया
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ग्राम पंचायत में कंपोस्ट खाद के लिए बनाए जाने वाले गड्ढों का निर्माण धरातल पर कभी हुआ ही नहीं क्या भुगतान फर्जी तरीके से निकाल लिया गया। ग्रामीणों ने इस मामले की जांच कराने की मांग की है।
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खड़ंजेउखड़े, नाली टूटी
ग्राम मुड़िया आस के लोगों ने प्रधान पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत द्वारा बिछवाया गया खड़ंजा (ईंट/फर्शी) कुछ ही समय में उखड़ गया है, जिससे लोगों को आवागमन में भारी दिक्कत हो रही है। साथ ही, सड़क किनारे बनी नाली भी टूट गई है, जिससे गंदा पानी इधर-उधर फैल रहा है और गंदगी बढ़ रही है।
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लोगों का आरोप है कि कार्य में घोर लापरवाही और घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है, जिससे निर्माण कुछ ही महीनों में खराब हो गया। गांव वालों ने प्रधान पर मनमाने तरीके से काम कराने का भी आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पंचायत विकास के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है और जनता की समस्याओं की अनदेखी की जा रही है। ग्रामीणों ने जल्द से जल्द खड़ंजा और नाली की मरम्मत कराने की मांग की है, साथ ही जांच कर कार्रवाई की मांग भी की है।
नाला गंदगी से जाम, सडक व गलियों में जलभराव
ग्राम मुड़िया आस मे नाले की हालत बहुत ही खराब हो गई है। कोटेदार के घर से यह नाला कुछ ही दिनों में गंदगी से जाम हो गया, जिससे ग्रामीणों में भारी नाराजगी है। लोगों का कहना है कि नाले का निर्माण ठीक ढंग से नहीं किया गया और ना ही उसकी नियमित सफाई की जा रही है। इसके कारण बारिश के मौसम में जलभराव की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है।
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पानी की निकासी न होने के कारण गंदा पानी सड़कों और गलियों में भर जाता है, जिससे आने-जाने में परेशानी होती है और बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से कई बार शिकायत की, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। घरों की नालियां भी गंदगी से पूरी तरह जाम हो चुकी हैं। लोगों को रोजाना गंदे पानी और बदबू का सामना करना पड़ रहा है। यदि जल्द कोई समाधान नहीं निकला, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। ग्रामीण जल्द सफाई की मांग कर रहे हैं।
RRC सेंटर का भी हालत खराब
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गांव में नालियां महीनों से साफ नहीं हुई हैं। जगह-जगह गंदा पानी जमा है, मच्छर पनप रहे हैं। बच्चे बीमार पड़ रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।
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हम महिलाओं को सबसे ज्यादा दिक्कत तब होती है जब पानी भरने जाना होता है। एक हैंडपंप है, वो भी खराब पड़ा है। कई बार शिकायत की लेकिन पंचायत ने कोई ध्यान नहीं दिया।
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गांव की सड़कें इतनी टूटी हुई हैं कि बरसात में चलना मुश्किल हो जाता है। कीचड़ में फिसलकर बच्चे गिर जाते हैं। कई बार प्रधान से कह चुके लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ।
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रात में गांव अंधेरे में डूबा रहता है। न स्ट्रीट लाइट है न बिजली की सही व्यवस्था। कई बार मीटर खराब हो चुका है लेकिन कोई कर्मचारी देखने नहीं आता।
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.हमने कई बार ग्राम पंचायत की बैठक में इन समस्याओं को उठाया है लेकिन बस आश्वासन मिलता है। साफ-सफाई के लिए सफाईकर्मी भी महीनों से नहीं आया।
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बारिश में सड़कें दलदल बन जाती हैं। एम्बुलेंस तक गांव के अंदर नहीं आ पाती। एक बार बीमार बुजुर्ग को खाट पर उठाकर मुख्य सड़क तक लाना पड़ा था।
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पानी की टंकी बनी है लेकिन उसमें पानी आता ही नहीं। और जो हैंडपंप है, उसका पानी गंदा है। बच्चों को पेट की बीमारी हो रही है। पंचायत अनदेखी कर रही है
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"हर बार चुनाव से पहले वादे किए जाते हैं लेकिन बाद में कोई पूछने नहीं आता। यहां की हालत वैसी की वैसी है।"
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"बिजली आती है तो भी बहुत कम वोल्टेज पर। पंखे तक नहीं चलते, गर्मी में बुजुर्गों का बुरा हाल है।"
वर्जन
गांव के विकास के हर संभव कार्य किए जा रहे है। बरसात के कारण अच्छी तरह से सफाई नहीं हो पा रही। संक्रामक रोगों से बचाव के लिए गांव में दवा छिडकाव समेत हर संभव प्रयास किए जाएंगे। मनरेगा के तहत हर किसी को काम दिया जा रहा है, जो लोग आरोप लगा रहे, वह निराधार है।
अनीता ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत मुडिया आस
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