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लोकसभा चुनाव में दूल्हा बन नामांकन कराने जाते वैद्यराज किशन (फाइल फोटो) Photograph: (इंटरनेट मीडिया)
शाहजहांपुर, वाईबीएन नेटवर्क। शाहजहांपुर में नगर पालिका वार्ड मेंबर, विधानसभा, लोकसभा से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव लडने वाले वैद्यराज किशन अब नहीं रहे। उनका रात निधन हो गया। दस पैसे प्रतिदिन की दिहाडी पर करियर की शुरुआत करने वाले किशन अपने अनूठे अंदाज के लिए देश में चर्चित रहे। उनकी जीवटता तो देखिए, राष्ट्रपति के लिए भी दावेदारी पेश कर दी, लेकिन पर्याप्त प्रस्तावक व अनुमोदक न मिलने पर उनकी इच्छा पूरी नहीं हो सकी।
मोदी, योगी, मुलायम, अखिलेश व प्रियंका को भी दी चुनौती
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शहर के मुहल्ला हुंडाल खेल निवासी वैद्यराज किशन शाहजहांपुर के अंबा टॉकीज में दस पैसे प्रतिदिन की दिहाडी पर करियर की शुरुआत की थी। वह महिला, बच्चों व फिल्मी अभिनेताओं के आवाज में अनाउंस के लिए जाने जाते थे। सुर्खियों में बने रहने के लिए किशन अवसर तलाशते रहते थे। अनूठे अंदाज में चुनाव लडकर उन्होंने खूब शोहरत पाई। देश में सभी प्रमुख राजनीतिक दिग्गजों के खिलाफ चुनाव लडे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आप संस्थापक अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिहं यादव, अखिलेश यादव, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भी चुनाव लडा।
1975 में टल बिहारी वाजपेयी से भाषण से प्रभावित होकर उतरे थे राजनीति में
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वैद्यराज किशन पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी से बेहद प्रभावित थे। वह बताया करते थे कि 1975 में पहली बार अटल जी का भाषण सुना। इसके बाद चुनाव लडने का संकल्प ले लिया। नगर पालिका वार्ड सदस्य से लेकर राष्ट्रपति के चुनाव तक का पर्चा भर डाला। नियमों के कारण राष्ट्रपति का नामांकन निरस्त हो गया, लेकिन किशन ने अपने जीवन मे लोकसभा, विधानसभा, विधान परिषद समेत कुल 20 चुनाव लड़े। सभी चुनाव वह हारते, लेकिन कभी हिम्मत नहीं हारी। 65 साल की उम्र के बाद वह अब वह जिंदगी की जंग भी हार गए।
भैंसागाडी, अर्थी, व दूल्हे के वेश में नामांकन से खूब बटोरी सुर्खियां
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किशन.... नए व अनूठे अंदाज में प्रचार के लिये जाने जाते थे। 2024 के चुनाव में डीजल,पेट्रोल की महंगाई के विरोध स्वरूप वह भैंसा गाड़ी पर बैठकर पर्चा भरने पहुंचे थे। दूल्हा के रूप में भी उन्होंने नामांकन कराया। एक बार अर्थी से भी उन्होंने नामांकन का प्रयास किया। चुनाव में परचा भरने के कारण शहर के लोग उन्हें धरती पकड़ कहकर पुकारते थे।
अंत समय मेडिकल कालेज में हुए भर्ती
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वैद्यराज किशन की बुधवार की रात तबीयत खराब हुई। स्वजन उन्हें मेडिकल कालेज लेकर गए। जहां चिकित्सकों ने बचाने की कोशिश की, लेकिन उनकी सांसे थम गई। उनके निधन की सूचना से शोक की लहर दौड़ गयी।
शिव बरात के जनक व अध्यक्ष रहे किशन
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वैद्यराज किशन ने शहर में भव्य व विशाल शिव बरात की शुरुआत की। प्रति वर्ष श्रावण मास में निकलने वाली शिव बरात की लोग प्रतीक्षा किए करते थे। विविध व आकर्षक झांकियों के साथ निकलने वाली शिव बरात के लिए वैद्यराज किशन को सदैव जाना जाएगा।
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