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अंकल ने तकिए से मुंह दबाया, मम्मी ने पैर पकड़े पापा के बेहोश् होने पर गडासे से काट दिया गला, फिर नीले ड्रम में डाल दी लाश, बोला मासूम हर्षल

राजस्थान से हंसराम का क्षत विक्षत शव के आते ही खुटार का नवदिया नवाजपुर गांव मातम में डूब गया। अंतिम संस्कार के बाद स्वजन बेसुध हे। बूढे मां बाप की आंखें के आंसू सूख चुके हैं। घटना का चश्मदीद बेटा हर्षल समेत स्बजन दोनों को फांसी की मांग कर रहे हैं।

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Narendra Yadav
हंसराज की अंत्येष्टि के बाद शोक संतृप्त बेटा हर्षल, मां उर्मिला व स्वजन

हंसराज की अंत्येष्टि के बाद शोक संतृप्त बेटा हर्षल, मां उर्मिला व स्वजन Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

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शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता। हंसराम की हत्या ने पैतृक गांव को गहरे सदमे में डाल दिया है। मंगलवार देर रात जब शव गांव पहुंचा तो माहौल गमगीन हो उठा। स्वजन रो-रोकर बेसुध हो गए। बुधवार को अंत्येष्टि के बाद घटना के चश्मदीदी हंसराम के बेटे हर्षल ने घटनाक्रम की आंखोंदेखी सुनाई। मासूम की जुबानी सुनी बातें, दिल दहला देने वाली हैं।

बुढापे की लाठी छीन दे दिया दो बच्चों की परवरिश का बोझ 

हंसराम की हत्या से गुमसुम पिता खेमकरन व माूसम हर्षल
हंसराम की हत्या से गुमसुम पिता खेमकरन व माूसम हर्षल Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

बुधवार अपराह्रन यंग भारत न्यूज की टीम नवदिया नवाजपुर गांव पहुंची। हंसराम की अंत्येष्टि व बाल बनवाने के बाद स्वजन घर आकर बैठे थे। पिता खेमकरन घर के अंदर बंधी भैंसों के पास गुमसुम बैठे थे, उनकी आवाज बेदम थी। कब मिली  बेटे के बिछडने की सूचना पर बोले खुटार थाने से फोन आया था। अर्धनग्न खडे अपने पौत्र हर्षल की ओर देखते हुए बोले, भगवान में हमारे बुढापे की लाठी छीन और और दो बच्चों की परवरिश का बोझ हमें दे दिया। 

मैं पापा- पापा कहते हुए सपने का नाटक करते हुए चिल्लाया, तो अंकल व मम्मी ने पापा को छोड दिया, सुबह उनका तखत पर शव था 

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अर्धनग्न हर्षल व पास बैठे बाबा खेमकरन
अर्धनग्न हर्षल व पास बैठे बाबा खेमकरन Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

यंग भारत न्यूज की टीम को हर्षल ने 15 अगस्त को हंसराम की हत्या का आंखोदेखा दृश्य ताजा किया। बताया कि जिस रात पिता  हंसराम की हत्या हुई, उस दिन जितेंद्र अंकल घर आए। उन्होंने पहले पापा, फिर मम्मी को शराब पिलाई। इसके बाद पापा के साथ मारपीट शुरू कर दी। मम्मी ने पापा के पैर पकड़ रखे थे और अंकल ने तकिए से पापा का मुंह दबा दिया। मैंने पापा को बचाने के लिए पापा पापा कहते हुए जोर से चिल्लाते हुए सपने का नाटक किया। आवाज सुन जितेंद्र अंकल ने पीछे हाथ करके खडे हो गए। मम्मी भी चुपचाप बैठ गई। मैं समझा मेरा पापा अब सुरक्षित है, इसके बाद मैं सो गया, सुबह पापा का शव तखत पर पडा था, नाक में रुई थी। मैंने जितेंद्र अंकल से पूछा कि रुई क्यों लगी है, वे बोले चोट लग गई। मैं समझ गया कि अब पापा दुनिया में नहीं है, लेकिन मैंने विरोध नहीं किया। सोचा पुलिस को ही बताउंगा, नहीं तो वह हमें भी मार देंगे। 

 पापा के शव को नीले ड्रम में डाला, फिर उडेल दी चार नमक की थैलियां 

बहादुर मासूम हर्षल पिता की मौत के बाद भी हिम्मत नहीं हारा, वह हर पहलू को आंखों में कैद करता रहा। हर्षल ने  बताया कि  जितेंद्र ने पापा की नाक में रूई लगाने के बाद सीने तक चादर डाल दी। मम्मी पास में खडी रो रही थी। थोड़ी देर बाद अंकल और मम्मी ने मिलकर पापा का शव नीले ड्रम में डाल दिया। उसमें टाटा नमक की चार थैलियां उडेल दी। फिर अंकल ने मम्मी से कहा तुम पहले बच्चों को लेकर निकलो मैं बाद में आता हूं। इसके बाद लक्ष्मी अपने बेटे-बेटियों को लेकर बाहर निकल गई। जितेंद्र बाइक से पीछे आया। वह उन्हें एक होटल में ले गया, जहां 400 रुपये का किराया और 200 रुपये खाने के लिए दिए। उसके बाद वे एक ईंट भट्ठे वाले के यहां रुके।

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बहू व जितेंद्र ने बेटे का ही नहीं, मासूम बच्चों के सपनों का भी कत्ल किया, बुढापे का सहारा भी छीना 

बडे बेटे हंसराम की हत्या से वृद्ध मां उर्मिला देवी पर दुख का पहाड टूट पडा। आंसुओं को अंदर ही दफन करते हुए वह बोली कि कि बेटे का बहू लक्ष्मी से कभी कोई विवाद नहीं हुआ। बताया 14 साल पहले शादी हुई। दोनों प्रेम से रहते थे। जितेंद्र ने लक्ष्मी को बहकाकर उसकी मदद से बेटे की हत्या कर दी। मासूम बच्चों के सपनों का भी कत्ल कर दिया। हमारे बुढापे की लाठी भी छीन ली। 

रक्षाबंधन पर घर आने की तैयारी में था हंसराम, लक्ष्मी बोली थी दारू बहुत पीने लगे 

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हंसराम का टैरा नाम सूरज भी था। मां उर्मिला ने बताया कि लगभग 15 दिन पहले ही हंसराम ने फोन करके रक्षाबंधन पर घर आने की जानकारी दी थी, लेकिन जितेंद्र ने उसे बरगलाकर रोक लिया। उर्मिला ने बताया कि बहू लक्ष्मी का भी पफोन आया था, उसने बताया कि सूरज दारू बहुत पीने लगा, लेकिन सब प्लानिंग थी। 

हंसराम को शराब पिलाकर उसकी पत्नी के साथ करता था अश्लील हरकतें

ईंट भटटा का मुनीम जितेंद्र ने बडी चालाकी से पहले हंसराम को सपरिवार अपने घर में कमरा किराए पर दिया। भटटा बंद होने पर सूरज को घर आने नहीं दिया, बोला कही और काम दिला देंगे। इस दौरान वह जितेंद्र को खूब शराब पिलाने लगा। शराब पीने के बाद हंसराम नशे में बेहोश हो जाता था, तब जितेंद्र उसकी पत्नी लक्ष्मी के साथ रंगरेलिया मनाता था। 

अवैध संबधों की जानकारी पर जितेंद्र व हंसराम के बीच बढा विवाद, बहनोई से साझा की थी चिंता 

हंसराम के छोटे बहनोई ने बताया कि एक दिन हंसराम में फोन कर कहा था अगर मुझे कभी कुछ हो जाए तो इन लोगों को छोडना मत। उन्होंने बताया कि हंसराम को हत्या की आंशका पहले से थी। दरअसल जब हंसराम को अवैध संबधों की जानकारी हुई तो उसने विरोध किया। इस पर जितेंद्र ने उसकी पिटाई कर दी। इसके बाद हंसराम ने अपने बहनोई को फोन करके जानकारी दी। 

मां ने कातिल बहू व जितेंद्र के लिए मांगी फांसी की सजा, बहन बोली जिस तरह भाई को मारा, वैसा ही हाल हो दोनों का

हंसराम कश्यप व उसकी कातिल पत्नी लक्ष्मी तथा वह ड्रम जिसमें हंसराम के शव को छिपाया गया
हंसराम कश्यप व उसकी कातिल पत्नी लक्ष्मी तथा वह ड्रम जिसमें हंसराम के शव को छिपाया गया Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

हंसराम की मां उर्मिला का रो-रोकर बुरा हाल है। उनका कहना है कि बहू शुरुआत में बहुत अच्छी थी, लेकिन उसने घर को ही तबाह कर दिया। उन्होंने कातिल बहू व हत्यारे जितेंद्र को फांसी की सजा देने की मांग की है।

लक्ष्मी ने जितेंद्र की मां से मांगा था पानी भरने  के लिए ड्रम

नीले ड्रम में शव मिलने की घटनाएं अब खौफ का पर्याय बन चुकी हैं। कुछ माह पहले मेरठ में सामने आए सनसनीखेज हत्याकांड ने पूरे देश को हिला दिया था, जिसमें एक युवक की हत्या कर शव को नीले प्लास्टिक ड्रम में डालकर ठिकाने लगाने की कोशिश की गई थी। पुलिस ने उस मामले में आरोपी प्रेमी-प्रेमिका को गिरफ्तार किया था। इस हत्याकांड ने समाज को झकझोर कर रख दिया था। राजस्थान के खैरथल-तिजारा जिले में शाहजहांपुर के खुटार थाना क्षेत्र के गांव नवदिया नवाजपुर निवासी 36 वर्षीय हंसराम कश्यप हत्या में भी नीले प्लास्टिक ड्रम का प्रयोग किया गया। खास बात यह है कि जितेंद्र कुछ दिन पहले ही नीला ड्रम लेकर आया। लक्ष्मी ने जितेंद्र की मां से पानी भरने के लिए ड्रम मांगा। 15 अगस्त की रात हंसराम की हत्या करके उसके शव को ड्रम में छिपाकर उपर से नमक डाल दिया। 

जितेंद्र का शव समझ मां ने किया था पुलिस को फोन 

वारदात की भनक जितेंद्र के माता पिता को लग गई। दरअसल लक्ष्मी व उसका पति व जितेंद्र गायब थे। जितेंद्र की मां को शक हुआ कि कही जितेंद्र को मारकर हंसराम व उसकी पत्नी लक्ष्मी फरार तो नहीं हो गई, इसलिए उन्होंने पुलिस को फोन किया, लेकिन ड्रम में जितेंद्र के बजाय हंसराम का शव मिला। साथ में गडासा भी था, जिससे हंसराम का गला काटा गया। 

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