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Photograph: (वाईबीएन NETWRK)
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शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाताः
पुवायां तहसील में SDM का चार्च लेते ही अंडर ट्रेनी IAS रिंकू सिंह राही उठक- बैठक की घटना से सुर्खियों में आ गए। घटनाक्रम के फोटो, वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहे है। लोग तरह तरह के कमेंट कर रहे है। यंग भारत न्यूज ने जब IAS रिंकू सिंह राही से बात करके अतीत को टटोला तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
दरअसल आईएएस रिन्कू सिंह राही का अभी तक जीवन संघर्ष व उपलब्धियों भरा रहा। खास बात यह रही कि अफसलताओं से वह न हिम्मत हारे, न ही उन्हें कोई भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग से रोक पाया। सात गोलियां खाने के बाद भी वह आगे बढते हुए आइएएस की कुर्सी तक पहुंच गए। उत्तर प्रदेश के हाथरस जनपद के सासनी ब्लाक स्थित उसवा ग्राम निवासी रिंकू सिंह राही अभी अंडर ट्रेनी आइएएस है। मंगलवार को उन्हें पुवायां एसडीएम का चार्ज मिला।
2004 में बने PCS, 2022 में IAS
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रिंकू सिंह राही ने चौथी कक्षा तक की पढ़ाई गांव से पूरी की। अलीगढ़ से 12वीं कक्षा पास करने के बाद वह जमशेदपुर चले गए, जहां 2002 में उन्होंने एनआइटी से बीटेक किया। 2004 में
प्रथम नियुक्ति के दौरान ही वह कार्यशैली को लेकर चर्चा में रहे। 2021 में यूपीएससी की परीक्षा पास की, लेकिन अच्छी रैंक न आने पर 2022 में तैयारी की। दिव्यांग कोटे से वह आइएएस बन गए।
जानलेवा साबित हुई समाज कल्याण अधिकारी के रूप में पहली पोस्टिंग
रिंकू सिंह राही के लिए उनकी पहली पोस्टिंग जानलेवा साबित हुई। दरअसल नवंबर 2008 में मुजरनगर में कार्यभार गृहण करने के बाद उन्होंने छात्रवृत्ति, विवाह योजना, वृद्धावस्था पेंशन, पारिवारिक लाभ आदि योजनाओं में बडे पैमाने पर घपला पकडा। एक साल में लगभग 50 करोड़ से अधिक का घोटाला उजागर होने पर उन्होंने सख्त तेवर अपनाए। चार साल की जांच होने पर घोटाला 83 करोड़ को पार कर पहुंच गया।रिंकू सिंह बताते है कि 26 मार्च 2009 का दिन कभी नहीं भूल पाएंगे। उस दिन सुबह साढ़े छह बजे अपने सरकारी आवास के सामने बैंडमिंटन खेल रहे थे। तभी शूटरों ने सात गोली मारी, जो सिर, आंख व हाथ-पैर पर लगी। हमले में एक आंख की रोशनी हमेशा के लिए चली गई, मगर जान बच गई थी।
ललितपुर में वृद्धावस्था पेंशन घोटाला किा उजागर
रिंकू सिंह बताते है कि चार माह तक उनका इलाज चला। शासन ने अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद
निदेशालय भेज दिया। 2009 में अलीगढ स्थित आइएएस, पीसीएस कोचिंग सेंटर में पाठयक्रम समन्वयक का दायित्व मिला। 2013 में भदोही, कुछ समय बाद श्रावस्ती व इसके बाद ललितपुर भेज दिया गया।
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की शिक्षक से की शादी
अत्यंत सामान्य परिवार में पले बढे रिंकू सिंह राही का एक भाई व एक ही बहन है। पिता सौदान राही ने आटा चक्की चलाकर उन्हें पढाया। मां किरण राही गृहिणी है। छाेटे भाई दिनेश राही निजी कंपनी में कार्यरत है। रिंकू राही ने 2013 में अलीगढ में नियुक्ति के दौरान कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की शिक्षक सुलेखा प्रधान से शादी की।
कानून की नजर में सभी बराबर, उठक - बैठक लगा समानता का दिया संदेश
पुवायां एसडीएम रिंकू सिंह राही ने उठक बैठक लगाने को खुद का निर्णय बताया। बताया कि मंगलवार को ही एसडीएम के रूप में ज्वाइन किया था। तहसील परिसर के निरीक्षण के दौरान कुछ लोग खुले में टॉयलेट कर रहे थे, जब उन्हें टोका, तो वे बोले कि शौचालय गंदा है, वहां नहीं जा सकते.। जब अधिवक्ताओं ने प्रश्न किया कि गंदगी के लिए एसडीएम जिम्मेदार है, तो क्या वह उठक बैठक लगा सकते। रिंकू सिंह बोले कि गलती मानने व सुधार करने के संदेश स्वरूप उठक- बैठक लगाई, किसी ने न तो विवश किया और न ही दबाव बनाया।
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