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नई दिल्ली, वाईबीएन स्पोर्ट्स। इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) द्वारा पटौदी ट्रॉफी को रिटायर कर आगामी भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज का नाम बदलकर 'एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी' करने के फैसले पर विवाद गहराता जा रहा है। इस फैसले पर दुनिया भर में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं। खास बात यह है कि इस बदलाव को लेकर BCCI से कोई औपचारिक अनुमति नहीं ली गई है।
BCCI के सूत्रों ने मीडिया से बातचीत में साफ किया कि इंग्लैंड में होने वाली टेस्ट सीरीज का नाम तय करने का अधिकार ECB का है। बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा, "यह उनकी घरेलू सीरीज है, इसलिए नामकरण का फैसला भी वही करते हैं। BCCI की इसमें कोई भूमिका नहीं है। हमने केवल यह अनुरोध किया है कि व्यक्तिगत प्रदर्शन के लिए दिए जाने वाले पुरस्कारों में से किसी एक का नाम पटौदी के नाम पर रखा जाए। ECB से इसके लिए जवाब का इंतजार है।"
पहले भी बदले जा चुके हैं ट्रॉफियों के नाम
यह पहला मौका नहीं है जब ECB ने अपनी घरेलू सीरीज के नाम में बदलाव किया हो। इससे पहले 2020 में विजडन ट्रॉफी का नाम बदलकर रिचर्ड्स-बॉथम ट्रॉफी कर दिया गया था, जो अब इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेली जाती है। इसी तरह, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट सीरीज का नाम क्रो-थोर्प ट्रॉफी रखा गया है, जो मार्टिन क्रो और ग्राहम थोर्प के सम्मान में खेली जाती है।
पटौदी परिवार को मिली थी जानकारी
हालांकि, ECB ने पटौदी ट्रॉफी का नाम बदलने की कोई आधिकारिक वजह नहीं बताई है, लेकिन अप्रैल में उन्होंने अभिनेता सैफ अली खान (मंसूर अली खान पटौदी के बेटे) को पत्र लिखकर इसकी जानकारी जरूर दी थी।
पटौदी ट्रॉफी का इतिहास
पटौदी ट्रॉफी साल 2007 में शुरू की गई थी, जब भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के 75 साल पूरे होने पर इसे लॉन्च किया गया। मंसूर अली खान पटौदी भारत के सबसे युवा टेस्ट कप्तान बने थे और उनके पिता इफ्तिखार अली खान पटौदी इंग्लैंड और भारत दोनों के लिए टेस्ट खेल चुके थे।
क्या होगा आगे?
फिलहाल ECB ने ट्रॉफी के नाम की आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन खबर है कि जेम्स एंडरसन और सचिन तेंदुलकर पहले टेस्ट मैच से पहले इस ट्रॉफी का अनावरण करेंगे। भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज 20 जून से हेडिंग्ले, लीड्स में शुरू होगी।
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