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CO Anuj Chaudhary Photograph: (Google)
संभल, वाईबीएन नेटवर्क।
होली का त्यौहार है, खुशियां बांटने का त्यौहार, जिन लोगों को रंगों से परहेज वे अपने घर में रहें। ईश्वर, अल्लाह सब जगह हैं, आप अपने घर में नमाज पढ़ें। यह बातें पिछले दिनों संभल हिंसा के दौरान हनुमान का रूप धरने के बाद चर्चा में आए सीओ संभल अनुज चौधरी ने शांति बैठक के दौरान कहीं। अनुज चौधरी के इस बयान के बाद सूबे में सियासी पारा चढ़ने लगा है। विपक्षी दलों ने मामले में सीओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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बोले- जुमा साल में 52 बार और होली एक बार आती है
शांति समिति बैठक के बात पत्रकारों से बात करते हुए अपनी बात के समर्थन में सीओ संभल अनुज चौधरी कहा कि जुमा हर साल 52 बार आता है और होली सिर्फ एक बार। उन्होंने मुस्लिमों के लिए कहा है कि आपको रंगों से परहेज है तो अपने घर में रहिए। बाहर मत निकलिए। नमाज के लिए मस्जिद जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अल्लाह सब जगह है, नमाज घर में भी पढ़ी जा सकती है। सीओ की इस तरह की भाषा पर विपक्ष ने योगी की भाषा बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारी भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं, यह गलत है।
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जबरन रंग न लगाने की बात भी कही
दरअसल जुमे के दिन होली का त्यौहार पड़ने से इस तरह के सवाल उठे, हालांकि सीओ अनुज चौधरी ने दोनों समुदायों से सामाजिक सौहार्द बनाए रखने और किसी को भी जबरन रंग ने लगाने की बात भी कही है। लेकिन होली के दिन मुस्लिमों को अपने घर में बंद रहने की नसीहत के सवाल पर विपक्ष हमलावर हो गया है। सपा प्रवक्ता शवेंद्र विक्रम सिंह ने सीओ की बयान की निंदा की है, उन्होंने कहा है कि सरकारी अधिकारी भाजपा के एजेंट की तरह व्यवहार न करें। सीओ अनुज चौधरी सीएम योगी की नकल न करें। उत्तर प्रदेश कांग्रेस मीडिया कमेटी के उपाध्यक्ष मनीष हिंदवी ने कहा कि अधिकारियों को धर्म निरपेक्ष होना चाहिए। एक अधिकारी होने के नाते सीओ का बयान बहुत ही निंदनीय है।
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क्या बोले सीओ अनुज चौधरी
सीओ संभल अनुज चौधरी ने कहा है कि "होली और जुम्मा (शुक्रवार) एक ही दिन पड़ रहे हैं। हमने सभी समुदायों के लोगों के साथ बैठक की है। यह सौहार्द का त्योहार है। हिंदू और मुसलमान अपने-अपने तरीके से इसे मनाएंगे। हमने मुस्लिम समुदाय से अनुरोध किया है कि अगर उन्हें यह (रंग लगाया जाना) स्वीकार नहीं है, तो वे उस जगह (जहां होली मनाई जा रही है) न आएं। साल में 52 जुम्मा (शुक्रवार) होते हैं, लेकिन होली के लिए सिर्फ एक दिन होता है। हिंदू पूरे साल होली का इंतजार करते हैं, जैसे मुसलमान ईद का इंतजार करते हैं। हमने सीधा संदेश दिया है कि जब लोग होली खेलें और अगर वे (मुसलमान) नहीं चाहते कि उन पर रंग पड़ें, तो उन्हें घर पर ही रहना चाहिए, और अगर वे अपने घर से बाहर निकलना चाहते हैं, तो उन्हें इतना बड़ा दिल रखना चाहिए कि अगर उन पर रंग पड़ जाए, तो वे आपत्ति न करें।"
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