चंडीगढ़, वाईबीएन नेटवर्क।
हरियाणा की राजनीति में चर्चा में रहने वाले हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के बीच खटपट सामने आ रही है। उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर यह आरोप भी लगाया कि चुनाव के दौरान मुझे हरवाने और मेरी हत्या तक करवाने का प्रयास बड़े नेता के द्वारा किया गया था, लेकिन जनता मेरे साथ ही इसलिए मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाया।
सीएम की कार्यशैली पर उठाए सवाल
सैनी की केबिनेट के मंत्री ने उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाकर सबको चौंका दिया है। मामले में भाजपा आलाकमान भी नजरें गढाए है। नायब सिंह सैनी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर परिवहन मंत्री ने इशाराें ही इशारों में कहा है कि मुख्यमंत्री 'उड़ने' से फुर्सत मिले तो जनसुनवाई हो। अनिल बिज की पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से खटपट की बातें सामने आती रही थीं। 2020 में खट्टर ने विज से गृहमंत्री होते हुए भी सीआईडी का चार्ज वापस ले लिया था।
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यूपी से जोड़कर देख रहे सियासी जानकार
सियासी जानकार हरियाणा के इस मामले को यूपी से जोड़कर देख रहे हैं, तो वहीं भाजपा आलाकमान भी इस मामले में नजर बनाए हुए है। बता दें कि यूपी में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्रियों के बीच कई बार सब कुछ ठीक न होने की खबरें आती रही हैं। बृहस्पतिवार को हरियाणा सरकार में परिवहन मंत्री अनिल विज ने कहा था कि वह अब जनता दरबार के बाद ग्रेवियांस कमेटी की मीटिंग में नहीं जाएंगे। दूसरी ओर हरियाणा के मुख्यमंत्री विधानसभा चुनाव के चलते दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं।
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बोले- सातवीं बार चुनाव जीतकर आया हूं
कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने शुक्रवार को कहा कि सातवीं बार चुनाव जीतकर आया हूं, वो भी तब, जब चुनाव के दौरान कुछ अधिकारी और नेता मुझे हरवाने में लगे थे। उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में लिखकर भी दे चुका हूं लेकिन चुनाव में मेरा नुकसान करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
बोले- कार्रवाई तो तबादला तक नहीं हुआ
अनिल विज ने कहा कि विधानसभा चुनाव में मेरे साथ जो हुआ उसके लिए मैनें कुछ अधिकारियों की शिकायत की थी। सरकार बने भी 100 दिन हो गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, यहां तक कि किसी का तबादला तक नहीं भी नहीं हुआ। सात बार चुनाव जीतकर आने के बाद मेरा यह हाल है तो आमजन की क्या बात करें। विधायक और अन्य मंत्री भी सरकार की कार्यशैली से दंग हैं।
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क्या है असली विवाद
दरअसल मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री के बीच हुई खटपट का कारण अंबाला प्रशासन में फेरबदल की बात से जोड़कर देखा जा रहा है। अनिल विज चाहते हैं कि अंबाला के डीसी और अन्य अफसरों को बदला जाए, लेकिन सरकार उनकी इस मांग की सुनवाई नहीं कर रही है, बड़ी बात तो यह हुई कि परिवहन मंत्री के कहने से एक एसएचओ को भी सस्पेंड नहीं किया गया। सरकार में अपनी बात न सुने जाने से नाराज अनिल विज शुक्रवार को सिरसा में ग्रेवियांस कमेटी की मीटिंग में नहीं गए और रद्द हो गई।