नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
आई.एन.डी.आई.ए. गठबंधन में की जड़ें सूखती देख शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे दिल्ली पहुंचे और गठबंधन को फिर से सींचने का प्रयास किया। इस प्रयास में आदित्य ठाकरे कांग्रेस नेता राहुल गांधी और फिर आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल से मिले। उनके साथ शिवसेना के सांसद संजय राउत भी नजर आए। दोनों नेताओं से मुलाकात के बाद आदित्य ठाकरे ने दिल्ली के परिपेक्ष्य में कहा कि सरकारें आती जाती रहती हैं, फिर आएगी, लेकिन रिश्ता ऐसे ही चलता रहेगा।
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जानिए चुनाव आयोग को लेकर क्या बोले
आदित्य ठाकरे ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग का बहुत बड़ा आशीर्वाद था, कितने ही लोगों से वोट का अधिकार छीन लिया गया, उनके वोट ही डिलीट कर दिए। राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के दौरान भी बातचीत इस मुद्दे पर हुई। हमने कहा कि इंडिया में डेमोक्रेसी खतरे में हैं, चुनाव फ्री एंड फेयर नहीं रह गए, भले हम आईएनडीआईए गठबंधन की ओर से लड़ें या अपनी अपनी पार्टियों के ओर से लड़ाई तो हमें जारी रखनी है।
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आदित्य ठाकरे बोले- देश के लिए लड़ते रहेंगे
आदित्य ठाकरे ने कहा कि देश के लिए हम लड़ते रहेंगे। जो भी देश के अच्छे का होगा, उसके सड़क पर उतरना होगा तो उतरेंगे, जो करना पड़ेगा करेंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दिल्ली चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के अपने- अपने एनालिसिस होंगे, उसमें कोई बुराई नहीं है, लेकिन हमारा कहना यह है कि इस वक्त हम इस पर विचार करना जरूरी है कि चुनाव आयोग ने कैसे इतने सारे वोट काट दिए, कैसे इतने सारे लोगों से मताधिकार छीन लिया, इस पर सोचना बहुत जरूरी है।
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हार- जीत अपनी जगह है रिश्ते अपनी जगह रहें
दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच बढ़ रही तल्खी के बीच आदित्य ठाकरे की राहुल गांधी और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के यही मायने निकाले जा रहे हैं कि शिवसेना आईएनडीआईए गठबंधन को लेकर चिंतित है। आदित्य ठाकरे ने कहा भी है कि हमारी पार्टी के जो दिल में है वहीं सामने है। हम चाहते हैं दिल्ली में हुई हार के बाद भी रिश्ते अपनी जगह बनें रहने चाहिएं।
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कैसें बढ़ी आईएनडीआईए गठबंधन में तल्खी
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद आईएनडीआईए गठबंधन में शामिल दलों में तल्खी बढ़ी है। हालांकि यह स्वभाविक है, हार में रार कोई नई बात नहीं है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में आईएनडीआईए गठबंधन में होने के बाद भी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों ने चुनाव लड़ा। बात यहीं तक नहीं रुकी, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव दिल्ली में आम आदमी पार्टी के लिए वोट मांगने भी पहुंचे और जनसभा को संबोधित किया। नतीजे आने के बाद सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा। अब कांग्रेस और आदमी पार्टी एक दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ रही हैं।
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“आप” ने कहा 13 सीटें कांग्रेस ने हरवाईं
दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं पाई कांग्रेस पर आम आदमी पार्टी ने 13 सीटें हरवाने का आरोप लगाया है तो कांग्रेस ने भी आम आदमी पार्टी की छीछालेदर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और आम आदमी पार्टी की हार उसके दस सालों के कर्मों का फल बता दिया। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा था कि दिल्ली की जनता बदलाव के मूड में थी और उसने बदलाव कर दिया। आम आदमी पार्टी अपने कर्मों से हारी। दूसरी ओर सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस दिल्ली में आम आदमी पार्टी को हराने में लगी थी।