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निलंबित करप्ट आईएएस अभिषेक प्रकाश की फाइल फोटो।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। आईएएस शब्द को आम बोलचाल की भाषा में गांवों के लोग ऐश कहते हैं, जिसका मतलब होता है, मौज-मस्ती और जो अकूत धन संपदा अर्जित करने से हासिल की जाती है, यह सफलता अर्जित करने पर यूपी के क्रप्ट आईएएस अभिषेक प्रकाश को जीरा टॉलेरस की नीति पर काम कर रही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने निलंबित कर दिया। सरकार की ओर से निलंबित करने और चार्जशीट तैयार होने को दो महीने से अधिक का समय गुजर गया है। मगर करप्ट आईएएस अभिषेक प्रकाश उत्तर प्रदेश पुलिस को चकमा देने में सफल है और फरार चल रहा है। अभी तक वह पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है। लोगों का कहना है कि क्रप्ट आईएएस अभिषेक प्रकाश पर पुलिस की कृपा बरसा रही है या वह वास्तव में पुलिस संग आंख-मिचोली खेल रहा है, बेहतर वह ही बता सकता है।
20 मार्च को किया गया था करप्ट आईएएस निलंबित
यहां बता दें कि SAEL Solar P6 Pvt Ltd के प्रतिनिधि ने आरोप लगाया था कि दलाल निकांत जैन ने परियोजना की मंजूरी के लिए 5% कमीशन की मांग की थी। यह मांग आईएएस अभिषेक प्रकाश के निर्देश पर की गई थी। आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश पर भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की गई तो कई चौंकाने वाले तथ्य निकलकर सामने आये, जिसके आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार ने अभिषेक प्रकाश को 20 मार्च 2025 को निलंबित कर दिया और नियुक्ति विभाग ने उसे चार्जशीट जारी की है, जिसमें जवाब मांगा गया है। विशेष जांच टीम (SIT) ने क्रप्ट आईएस के खिलाफ 1600 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। इसमें 50 से अधिक गवाहों के बयान शामिल है। यह कदम आरोपी के खिलाफ मजबूत सबूत पेश करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। जांच अभी जारी है, और आगे की कार्रवाई की उम्मीद है। SIT ने लखनऊ की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें अभिषेक प्रकाश का नाम स्पष्ट रूप से उल्लिखित है।
यूपी इन्वेस्ट के तत्कालीन सीईओ अभिषेक प्रकाश से नहीं हुई अभी तक पूछताछ
यूपी इन्वेंस्ट के तत्कालीन सीईओ आईएएस अभिषेक प्रकाश को निलम्बित कर दिया गया था। शासन ने इस मामले में एसआईटी गठित की थी। एसआईटी ने मामले की जांच के लिए निकांत जैन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी और वह जमानत पर आ गया। मगर सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि अभी तक अभिषेक प्रकाश से इस मामले में कोई पूछताछ नहीं की गई और वह फरार चल रहा है।
करप्ट आईएएस अभिषेक प्रकाश पर यह है आरोप
पीड़ित कॉरपोरेट कम्पनी के अधिकारी ने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया कि उन्हें पांच प्रतिशत कमीशन के लिए अभिषेक प्रकाश की ओर से नंबर देकर निकांत जैन से सम्पर्क करने के लिए कहा गया था। बहरहाल अभी तक एसआईटी के पास अभिषेक प्रकाश का एक भी बयान नहीं है।
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