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मायावती फिर सपा पर बरसीं Photograph: (Google)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। बसपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती लखनऊ में नौ अक्टूबर को बसपा की विशाल रैली की सफलता से गदगद हैं। रैली और उसके बाद से वह सत्तारूद दल की तरीफ करने के साथ विपक्ष पर हमलावर हैं। खासकर समाजवादी पार्टी लगातार उनके निशाने है। इसी कड़ी में मायावती ने गुरुवार को पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक में सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करने के लिए 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटने का आह्वान करते हुए सपा पर एक बार फिर तीखा हमला बोला।
सरकारी बसों के इस्तेमाल के आरोपों का खंडन
मायावती ने कहा कि बसपा संस्थापक कांशीराम जी के 19वें परिनिर्वाण दिवस के मौके पर हुए महा आयोजन में लाखों लोग ट्रेन, निजी बसों, आपने संसाधन और पैदल चलकर पहुंचे। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा जो किराए पर भीड़ जुटाकर रैली और जनसभा करने वालीं विरोधी पार्टियों के नेता बसपा की ताकत देखकर 'खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे' की कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं। उन्होंने कह कि विरोधी दल बसपा की जनशक्ति से घबराकर यह झूठ फैला रहे हैं कि रैली में सरकारी बसों में सरकारी बसों का इस्तेमाल हुआ। यह विपक्ष की संकीर्ण राजनीति और जातिवादी चाल, चरित्र व चेहरे का प्रमाण है।
सपा शासनकाल में महापुरुषों के स्मारक स्थलों की उपेक्षा
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बसपा सरकार के दौरान लखनऊ में पर्यटन स्थल के रूप में बनाए गए महापुरुषों के स्मारक, पार्क, भव्य स्थल समाजिक प्रेरणा के प्रतीक हैं। लेकिन सपा शासनकाल में जातिवादी द्वेष के कारण ये स्थल उपेक्षा का शिकार रहे। अब जब वर्तमान यूपी सरकार ने बसपा की मांग को स्वीकार किया है कि इन स्थलों के टिकटों की बिक्री से प्राप्त धन को उन्हीं के रख-रखाव पर खर्च किया जाएगा। यह फैसला सपा और कांग्रेस को रास नहीं आ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इन दलों के चरित्र में राजनीतिक ईमानदारी का साहस नहीं है।
सपा को गेस्ट हाउस कांड दिलाई याद
मायावती ने कहा कि अगर सपा सरकार ने अपने कार्यकाल में महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों के सम्मान में बसपा द्वारा बनाए गए नए जिले, विश्वविद्यालय, कॉलेज, अस्पताल और अन्य संस्थानों में अधिकांश के नाम बदलते होते और आरक्षण व विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं को निष्क्रिय नहीं किया होता तो उनका नाम दो जून 1995 के स्टेट गेस्ट हाऊस कांड की तरह ही इतिहास के काले पन्नों में दर्ज होने से बच सकता था। उन्होंने कहा कि सपा को अभी भी अपने इन कृत्यों का पछतावा नहीं है।
भाजपा से मिलीभगत के आरोप पर पलटवार
उन्होंने विपक्ष के भाजपा से मिलीभगत के आरोपों पर पलटरवार करते हुए कहा कि बसपा की राजनीति खुली किताब और पूरी तरह पाक-साफ है। साम, दाम, दंड, भेद ओर अंदरूनी मिलीभगत के लिए किसी स्तर तक गिर जाना बसपा के स्वभाव नहीं है। मायवती ने स्पष्ट किया कि बसपा की राजनीति 'सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय के सिद्धांत पर आधारित है, जो नीले आसमान की तरह पारदर्शी और सबके सामने है।
उत्तराखंड के पदाधिकारी रहे शामिल
मायावती ने कहा कि अपने वोट की शक्ति के बल पर बीएसपी सत्ता की मास्टर चाबी हासिल करके बहुजन समाज को 'लेने वाले से देने वाला समाज' बनाना चाहती है। इसके लिए पूरे तन, मन और धन का सहयोग जरूरी है। बैठक में उत्तराखंड के पदाधिकारी भी शामिल रहे, उन्हें भी पार्टी हित में जरुरी निर्देश दिए गए। पदाधिकारियों ने विश्वास दिलाया कि वे यूपी में फिर से पूर्ण बहुमत की बसपा सरकार बनाने में पूरे जी-जान से काम करेंगे।
BSP Chief Mayawati | BSP Mayawati | Mayawati
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