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शाहरूख के बारे में जानकारी देते एसटीएफ एसपी।
लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। यूपी के मुजफ्फरनगर में मुठभेड़ के दौरान मारे गए शाहरूख पठान की बड़ी ही दिलचस्प स्टोरी है। एसटीएफ ने उसकी मौत के बाद छानबीन की तो पता चला कि मुख्तार अंसारी गिरोह का शार्प शूटर मुजफ्फरनगर के खालापार निवासी शाहरुख पठान ने अपनी जिंदगी की शुरूआत साइकिल की मरम्मत करने के लिए खोली गई पिता की दुकान पर काम सीखने से की थी। इसके बाद अपराध का ऐसा पाठ पढ़ा कि वह माफिया संजीव जीवा व मुख्तार अंसारी तक जा पहुंचा। शाहरूख ने अपना वर्चस्व व दहशत कायम करने के लिए पुलिस कस्टडटी में एक अपराधी की हत्या भी कर दी थी।
बचपन से अपने फुफा के यहां रहने लगा था शाहरूख
एसटीएफ एसपी सुशील घोले ने बताया कि शाहरूख पठान के पिता का नाम जरीफ हैं बचपन में ही इसके फुफा अमीर आजम निवासी फक्करसा चौक, थाना कोतवाली शहर, जनपद मुहम्मद गनर की कोई सन्तान न होने के कारण उसने शाहरूख पठान को गोद ले लिया था और तभी से यह अपने फूफा के साथ रहने लगा। इसका फुफा अमीर आजम फक्करसा चौक मुहमद नगर पर साईकिल मरम्मत की दुकान चलाता है। शाहरूख भी इसी दुकान पर बैठता था। दुकान पर बैठने के दौरान ही बदमाश सोबी निवासी खालापार, मुहम्मद नगर से दोस्ती हो गयी थी।
कस्टडी में आसिफ जायदा की गोली मारकर हत्या कर दी थी
खालापार, मुहम्मद नगर में वसूली व वर्चस्व को लेकर शाहरूख पठान ने अपने साथी बदमाश सोबी के साथ मिलकर वर्ष 2015 में मु0नगर रेलवे स्टेशन पर पुलिस कस्टडी में आसिफ जायदा नामक व्यक्ति जिसको नैनी जेल से मु०नगर कचहरी में पेशी के लिए लाया जा रहा था, की हत्या कर दी थी। इसकी गूंज यूपी की राजधानी लखनऊ तक पहुंची जिसके सम्बन्ध में थाना जीआरपी मुकदमा पंजीकृत हुआ था। इस घटना में गिरफ्तार होने के पश्चात जेल गया और यहीं संजीव जीवा और मुख्तार अंसारी के सम्पर्क में आ गया और संजीव जीवा के लिए काम करने लगा।
साल 2016 में पुलिस की कस्टडी से हो गया था फरार
कुछ दिन जेल में रहने के पश्चात तारीख से लौटते समय यह थाना सिविल लाइन, जनपद मु०नगर से वर्ष 2016 में पुलिस कस्टडी से फरार हो गया था, जिसके सम्बन्ध में थाना सि०लाइन मु०नगर पर अ0सं0 230/16 धारा 223/224 भादवि पंजीकृत हुआ था।फरारी के दौरान जीवा के कहने पर वर्ष 2017 में थाना कोतवाली जनपद हरिद्वार क्षेत्र की निर्मला छावनी कालोनी में कम्बल व्यवसायी अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। तब यह बात सामने आये थे कि संजीव जीवा के कहने पर कनखल के रहने वाले प्रोपर्टी डीलर सुभाष सैनी की हत्या करने आया था लेकिन हुलिया मिलता जुलता होने के कारण अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी की हत्या कर दी थी। जिसके सम्बन्ध में थाना कोतवाली नगर, जनपद हरिद्वार पर पंजीकृत हुआ था।
फरारी के दौरान आफिस जायदा के पिता यासीन की कर दी थी हत्या
इसी फरारी के दौरान वर्ष 2017 में आसिफ जायदा मर्डर केस में गवाह आसिफ जायदा के पिता यासीन की हत्या कर दी थी, जिसमें इस पर पुलिस महानिदेशक, उ०प्र० द्वारा 50 हजार रूपये का पुरस्कार घोषित किया गया था।इसके पश्चात यह उत्तराखंड में गिरफ्तार होकर जेल चला गया और अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी मर्डर केस में संजीव जीवा के साथ इसे उम्र कैद की सजा हो गयी। वर्तमान में जमानत पर चल रहा था।करीब 06 माह पूर्व जमानत पर आने के बाद इसने हत्या के मुकदमो में गवाही देने वालों को धमकाना और जान से मारने का प्रयास करने लगा, जिसके सम्बन्ध में थाना बनियाठेर, जनपद सम्भल में मुकदमा पंजीकृत किया गया था, जिसमें यह वांछित चल रहा था।हरिद्वार जेल रोशनाबाद में बंद शार्प शूटर शाहरूख पठान ने मोबाईल फोन का इस्तेमाल करने का विरोध कर रहे बंदी रक्षक नितिन सजवाण की पिटाई कर दी थी।
संजीव जीवा शूटर शाहरुख पठान मुठभेड़ में ढेर
मुजफ्फरनगर में रविवार की देर रात मेरठ की एसटीएफ टीम ने मुठभेड़ में संजीव जीवा व मुख्तार अंसारी गिरोह के शॉर्प शूटर शाहरुख पठान (35) को मार गिराया। मुजफ्फरनगर के खालापार निवासी पठान इन दिनों हरिद्वार के व्यापारी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा होने के बाद जमानत पर था और संभल में जानलेवा हमले के मामले में वांछित चल रहा था। उससे दो पिस्टल, एक रिवाल्वर व 70 कारतूस और एक बिना नंबर की कार बरामद हुई। इस प्रकार से शार्प शूटर शाहरूख पठान जितनी तेजी से अपराध की दुनिया में कदम रखा था उतनी ही जल्द ही उसका अन्त भी हो गया।
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