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मुरादाबाद मंडी की फाइल फोटो।
मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता।उत्तर प्रदेश सरकार ने जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को आदेश कर रखा है, भूमाफियाओं को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। सवाल इस बात का है कि जब प्रदेश सरकार ने मुरादाबाद जिले के अफसर को स्पष्ट निर्देश दे रखा है, नवीन मंडी मझोला में कई सौ करोड़ की जमीनों पर जिन लोगों ने कब्जा कर रखा है। उनको वहां से बेदखल किया जाए। फिर ऐसे में सवाल यह उठता है आखिर जिले के प्रशासनिक अधिकारियों की ऐसी क्या मजबूरी है? जो कब्जेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने से बच रही है। लोगों का कहना है कि योगी सरकार में प्रशासनिक अधिकारियों पर बड़े कब्जेदार भू माफिया भारी नहीं पड़ पाएंगे तो प्रशासनिक अधिकारी कार्रवाई करने में इतने भयभीत क्यों है ?
एक लाइसेंसधारी ने दो-दो करोड़ की जमीनों पर किया कब्जा
नवीन मंडी मझोला शहर के बीचो-बीच में है। जहां के जमीनों की कीमत 50 हजार रुपये गज से कम नहीं है। मगर जानकर ताज्जुब होगा कि एक-एक लाइसेंस धारी ने तीन 300 से 400 गज जमीन एक्वायर कर रखी है, जिनकी कीमत कई सौ करोड़ में है। ऐसे एक दो लोग नहीं है बल्कि साढ़े 500 लाइसेंस धारी हैं। उनकी यही मनसा है कि इन जमीनों पर अपना वह पक्का निर्माण कर ले। बहरहाल अपनी मनसा में वह सफल भी हो रहे हैं क्योंकि 20-20 साल से वह सरकार की जमीनों पर कब्जा किए हुए हैं और जमीनों के रेट दिन पर प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। हालांकि इस बात की जानकारी जब यूपी सरकार को हुई तो सरकार के मुखिया ने मंडी निदेशालय के निदेशक,मंडी उपनिदेशक, मंडी सभापति, मंडी सचिव सहित जिले के सभी अधिकारियों को आदेश दिया कि 15 मई पहले पहले इन जमीनों को खाली करा लिया जाए।
पहले होली फिर ईद का बहाना
मगर होली से पहले सरकार के मुखिया की ओर से आये आदेश पर शासन को अवगत कराया कि अभी होली का त्योहार है। इसलिए वह कार्रवाई नहीं कर सकते हैं। होली गुजरने के बाद कार्रवाई करेंगे। उसके बाद अफसरों को ईद आने का एक और बहाना मिल गया। अफसरों ने शासन को बताया कि ईद है। इसलिए वह कार्रवाई नहीं कर सकते। हालांकि अब ईद गुजर गई। होली गुजर गई तो अफसरों ने बेमन से बीते दिवस बुधवार को मय फोर्स के साथ सिटी मजिस्ट्रेट (मंडी सभापति) किंशुक श्रीवास्तव सरकारी जमीनों के कब्जेदारों को बेदखल करने के लिए मझोला नवीन मंडी परिसर पहुंची।
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नई दुकान का आवंटन होने तक बरकरार रहे कब्जा : विधायक
मगर इसकी जानकारी होने पर शहर विधायक रितेश गुप्ता अपने समर्थकों के साथ पहुंच गए और उन्होंने उल्टा ही सिटी मजिस्ट्रेट से सवाल दाग दिया। जब यहां पर दुकान 250 थी तो लाइसेंस साढ़े 500 और ज्यादा क्यों जारी किया गया। इस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा हम तो उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश का पालन करना है। इस पर विधायक ने मांग रखी की जो दुकान तोड़ी गई हैं। उनकी मरम्मत कराई जाए और जब तक लाइसेंस धारी दुकानदारों को नई दुकान का आवंटन नहीं हो जाता है तब तक लाइसेंधारियों का जमीनों पर कब्जा बरकरार रहना चाहिए। उसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट वापस लौट गईं।
तो क्या सरकारी तंत्र पर भारी मंडी के कब्जेदार
कायदे कानून का पालन करवाने पहुंची सिटी मजिस्ट्रेट किंशुक श्रीवास्तव को जिस तरह से बैरंग वापस लौटना पड़ा। इस पर शहर वासियों का कहना है कि कायदे कानून पर मंडी के कब्जेदार भारी पड़ रहे हैं और अफसरों ने उनके आगे घुटने टेक दिये हैं।
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सिटी मजिस्ट्रेट बोलीं: कार्रवाई नहीं रोकी है, हटायेंगे कब्जा
यंग भारत से बातचीत में आज सिटी मजिस्ट्रेट किंशुक श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने किसी के दबाव में आकर कार्रवाई नहीं रोकी है। सरकारी जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराया जाएगा। सरकार के आदेशों का अक्षरश: पालन किया जाएगा। लाइसेंसधारी कब्जेदारों से बातचीत के लिए कल बुलाया है। एक बार फिर वार्ता करेंगे। बहरहाल इस तरह से वार्ता करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट और मंडी सचिव का अब तक कई दौर निकल चुका है और कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है।
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