Moradabad: चीन से मिला ट्रॉफी निर्माण का ऑर्डर, मुरादाबाद की गुप्ता इंडस्ट्रीज ने रचा इतिहास
Moradabad: उत्तर प्रदेश की पीतल नगरी मुरादाबाद ने एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर ली है। मुरादाबाद की प्रतिष्ठित गुप्ता इंडस्ट्रीज को पहली बार चीन से ट्रॉफी निर्माण का ऑर्डर प्राप्त हुआ है।
मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता। भारत की पीतल नगरी के नाम से प्रसिद्ध मुरादाबाद ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि अपने नाम की है। मुरादाबाद स्थित प्रतिष्ठित गुप्ता इंडस्ट्रीज को पहली बार चीन से ट्रॉफी निर्माण का ऑर्डर प्राप्त हुआ है। यह उपलब्धि न केवल स्थानीय उद्योग के लिए गर्व का विषय है, बल्कि सम्पूर्ण भारतीय ट्रॉफी निर्माण क्षेत्र के लिए भी प्रेरणास्पद है। इसे 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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गुणवत्ता और नवाचार की मिसाल
गुप्ता इंडस्ट्रीज पिछले 75 वर्षों से ट्रॉफी और पीतल निर्माण के क्षेत्र में सक्रिय है और इसने अपनी गुणवत्ता, नवाचार और समयबद्ध आपूर्ति के बलबूते देश-विदेश में एक विशिष्ट पहचान बनाई है। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर राहुल गुप्ता ने बताया कि यह ऑर्डर वर्षों की मेहनत, गुणवत्ता के प्रति प्रतिबद्धता और आधुनिक उत्पादन तकनीक का परिणाम है। अगवानपुर रोड स्थित लडावली गांव में बनी फैक्ट्री में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार ट्रॉफियों का निर्माण किया जा रहा है।
Photograph: (MORADABAD )
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प्रेरणा का स्रोत बना मुरादाबाद
इस उपलब्धि के उपलक्ष्य में आज दोपहर 2 बजे जिला पंचायत अध्यक्ष शेफाली चौहान ने तैयार माल से भरे कंटेनर को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर गुप्ता परिवार के सदस्य राहुल गुप्ता, नीरज गुप्ता और रजत गुप्ता भी उपस्थित रहे। अपने संबोधन में शेफाली चौहान ने कहा कि यह सफलता मुरादाबाद के युवाओं और स्थानीय उद्यमियों के लिए एक नई प्रेरणा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इससे क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे और मुरादाबाद की पहचान वैश्विक स्तर पर और सशक्त होगी।
भारत बना निर्माता से विश्वासपात्र निर्यातक
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यह पहल इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारत अब केवल एक उपभोक्ता देश नहीं, बल्कि विश्वस्तरीय गुणवत्ता वाले उत्पादों का विश्वसनीय निर्माता और निर्यातक बन रहा है। गुप्ता इंडस्ट्रीज की यह उपलब्धि न केवल क्षेत्रीय विकास को गति देगी, बल्कि अन्य भारतीय उद्यमियों को भी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सफलता की राह दिखाएगी। यह सफलता भारत के औद्योगिक आत्मविश्वास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में उभरते स्थान की एक मिसाल बन चुकी है।