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कलेक्ट्रेट पर ज्ञापन सौंपते भावधस के कार्यकर्ता। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
रामपुर, वाईबीएन नेटवर्क। भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज भावाधस (भीम) के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय प्रमुख वीरेश भीम अनार्य के नेतृत्व में प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री को जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन सौंपा। इस सम्बन्ध में पहले ही हसनपुर के विधायक महेन्द्र सिंह खडगवंशी के माध्यम से 3 सितंबर को दे चुके हैं। भीम अनार्य ने कहा कि वाल्मीकि प्रकट उत्सव पर अवकाश की नहीं मानी तो वाल्मीकि समाज एक बड़ा आंदोलन करेगा जिसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।
ज्ञापन में रहा कि रामायण रचियता लव कुश के शिक्षक सीता माता के रक्षक आदि कवि भगवन वाल्मीकि प्रकट दिवस (जयन्ती) का अवकाश 1993 में स्वीकृत हुआ था लेकिन 2017 में भगवान राम को मानने वालों की सरकार (भाजपा) के सत्ता में आने पर इस अवकाश को ख़त्म कर दिया गया। जबकि होना तो यह चाहिए था कि वाल्मीकि के नाम पर सरकार को कई कार्यक्रम चलाने चाहिए थे क्योंकि राम जी का चरित्र दुनिया के सामने लाने का श्रेय वाल्मीकि को जाता है। महापुरुषों की छुट्टियां बहाल कर दी गयीं लेकिन वाल्मीकि प्रकट दिवस (जयन्ती) की छुट्टी बहाल नहीं की।
सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण में वर्गीकरण लागू करने हेतु प्रदेश सरकारों को कहा था जिसमे हरियाणा सहित देश की कई सरकारों ने इसे लागू भी कर दिया। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार मौन है जबकि अति दलित समाज इस सम्बन्ध में कई बार आंदोलन कर चुका है। शीघ्र लागू करें। उत्तर प्रदेश की नगर पंचायतों, नगर पालिकाओं और नगर निगमों में लाखों पद सफाई कर्मियों के खाली है। सरकार पद भरने के बजाय आउटसोर्सिंग पर कर्मचारी रख रही है जिस कारण अति दलित समाज का बड़ी मात्रा में शोषण हो रहा है। शीघ्र संविदा कर्मचारियों को स्थाई करें, आउटसोर्सिंग कर्मियों को संविदा पर नियुक्ति दे तथा नई भर्तियां शीघ्र खोलें।
अतः आप से अनुरोध है कि शीघ्र इस पर कार्यवाही करे | वाल्मीकि समाज ने निर्णय लिया है कि रोष व्यक्त करते हुए प्रत्येक जिले में आज से वाल्मीकि प्रकट दिवस (जयन्ती) 7 अक्टूबर, 2025 तक वाल्मीकि समाज मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देगा और जागरूकता अभियान चलाएगा जिसमें इन तीनों मांगों को शीघ्र लागू करने की मांग की जाएगी। अगर सरकार मांगों को नहीं मानती है तो एक विशाल प्रदर्शन लखनऊ में किया जाएगा। ऐसा निर्णय 3 सितंबर 2025 को हसनपुर में हुए वाल्मीकि सम्मेलन में लिया जा चुका है। इस दौरान गोपाल कठेरिया, कैलाश एकलव्य, विजय अनार्य, शंकर बबलू, डीके भारती, पवन अनार्य, एकलव्य वाल्मीकि, कमल अम्बेडकर, राहुल सिंह, दिलीप वाल्मीकि, हनी कठेरिया, अतुल भारती, राजेंद्र कुमार, (रामपुर), सोमपाल, प्रमोद, सर्वेश, शिवा, गुरमुख भारती, (बिलासपुर), रवि (लालपुर), गोपाल वाल्मीकि, संजय कुमार वाल्मीकि, अर्जुन वाल्मीकि (केमरी), आकाश (शाहबाद), आदि लोग शामिल थे।
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