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Rampur News: रामपुर के टांडा से फिर शुरू हुआ सोना तस्करी का धंधा, आखिर पुलिस आंखें क्यों बंद कर लेती है

रामपुर जिले के टांडा कस्बे के कुछ युवकों ने सउदी अरब, दुबई से सोने की तस्करी फिर तेज कर दी है। मूढापांडे में मामला पकड़े जाने के बाद थोड़ी सख्ती दिखी, लेकिन अब फिर तेजी से तस्करी की जा रही है।

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Akhilesh Sharma
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रामपुर, वाईबीएन नेटवर्क। जनपद के टांडा उपनगर एक बार फिर से सुर्खियों में है। बड़े स्तर पर यहां के कुछ युवकों ने एक बार फिर से सउदी अरब, दुबई आदि खाड़ी देशों से सोने की तस्करी शुरू कर दी है। पिछले कुछ माह पहले मूढ़ापांडे में तस्करों के पकड़े जाने और उनके पेट में सोने के बिस्कुट निकलने के बाद कुछ दिन तक तस्करी की रफ्तार धीमी रही। लेकिन इन दिनों तस्करी बहुत तेजी से हो रही है।

कैसे होता है सोने की तस्करी का ये खेल?

इस पूरे नेटवर्क की शुरुआत होती है फाइनेंसरों और एजेंटों से, जो टांडा के युवाओं को दुबई और सऊदी अरब भेजते हैं। वहां पहले से मौजूद गिरोह के सदस्य इन युवकों को सोने के कैप्सूल सौंपते हैं, जिन्हें ये युवक पेट के रास्ते निगल लेते हैं। ये कैप्सूल इतनी सफाई से निगले जाते हैं कि एयरपोर्ट की स्कैनिंग में पकड़ में नहीं आते। सफर के दौरान तस्कर कुछ नहीं खाते—सिर्फ जूस या फल लेते हैं ताकि कैप्सूल पेट में बिना नुकसान के टिके रहें। घर पहुँचने पर इन्हें कोल्ड ड्रिंक और बिरयानी दी जाती है, जिससे कैप्सूल बाहर आ सकें।

तस्करों के पीछे कौन है?

पुलिस ने मूढापांडे में मामला पकड़े जाने के बाद इस केस में सिर्फ तस्करों को ही नहीं, बल्कि इस पूरे रैकेट को चलाने वाले नौ फाइनेंसरों और उनसे जुड़े डॉक्टरों को भी आरोपी बनाया था। ये फाइनेंसर ही दुबई भेजने, फ्लाइट टिकट, रहने, खाने और सोना निगलवाने तक की पूरी व्यवस्था करते थे। बदले में एक युवक को एक चक्कर का 30,000 रुपये मिलता था। कई युवकों को साल में आठ से दस बार भेजा सउदी और दुबई भेजा जाता है। 

मूढापांडे में पकड़े गए तो किसके पेट से कितना सोना निकाला 

शाने आलम के पेट से तीन कैप्सूल, वजन- 113.71 ग्राम

मुत्तलीब के नेट से आठ कैप्सूल, वजन 311 ग्राम

अजहरुद्दीन के पेट से आठ कैप्सूल वजन 320.12 ग्राम

जुल्फेकार के पेट से आठ कैप्सूल वजन 311.72 ग्राम

लगातार पकड़े जाते हैं, फिर भी शिकंजा नहीं कसती पुलिस, आखिर वजह क्या?

टांडा के तस्कर अक्सर पकड़े जाते हैं। लेकिन पुलिस शिकंजा नहीं कसती है। आखिर वजह क्या है। पिछले साल एक अप्रैल को लखनऊ एयरपोर्ट पर टांडा क्षेत्र के 36 युवक विदेशी सिगरेट और पेट में छिपाए गए सोने के साथ पकड़े गए थे। पूछताछ में पता चला कि अधिकतर आरोपी पहले भी तस्करी कर चुके थे। अगले ही दिन 29 युवकों की तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर कस्टम की हिरासत से फरार हो गए थे। 28 अप्रैल 2024 की रात टांडा के चार लोग बरेली से रामपुर लौटते समय मिलक क्षेत्र में लूट का शिकार हो गए थे। बदमाशों ने उनकी कार रोककर करीब एक किलो सोना लूट लिया था। पुलिस ने एक सप्ताह के भीतर वारदात का खुलासा कर कई आरोपियों को जेल भेज दिया था। इसके बाद 23 मई 2025 को मुरादाबाद के मूंढापांडे में हुई मुठभेड़ में पुलिस ने दो बदमाशों को गिरफ्तार किया। उनसे पूछताछ के बाद पकड़े गए दुबई से लाैटे चार सोना तस्करों के पेट से सोने के 29 कैप्सूल बरामद हुए। वह चारों आरोपी भी टांडा के ही हैं।

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