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श्रीष गुप्ता Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
रामपुर, वाईबीएन नेटवर्क। अमेरिका द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाए जाने से भारत के निर्यात को नुकसान तो होगा लेकिन दीर्घकाल में इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ सकते है। अगर भारत अमेरिका के दबाव में कोई समझौता करता है, तो उससे भारत की स्वतंत्र ओर निर्भीक देश की छवि को नुकसान पहुंच सकता है। हालांकि ट्रम्प के इस निर्णय का अमेरिका में भी विरोध हो रहा है। अमेरिका की यह आर्थिक स्वार्थ की ओर विश्व को अपने निर्णयों पर नचाने की नीति का हिस्सा है। लेकिन भारत की स्वाभिमानी सरकार झुकेगी नहीं।
आईआईए के चेयरमैन श्रीष गुप्ता ने अपने विचार रखते हुए कहा कि अमेरिका कृषि डेयरी जैसे सेक्टर को पूरी तरह शुल्कमुक्त कराना चाहता है। इससे देश के किसानों और छोटे उद्यमिओं के हित प्रभावित होंगे। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी अपनाओ , मेड इन इंडिया,आत्मनिर्भर भारत एवं स्वदेशी उत्पादों के उत्कृष्ठ उत्पादन से इसका सामना किया जा सकता है। भारत के निर्यातकों को अन्य विकल्पों को तलाशना होगा। विश्व बाजार काफी विशाल है ,अमेरिका की तो कुल आबादी उत्तर प्रदेश के बरावर ही है।
भारत सरकार को प्रभावित उद्यमिओं को सब्सिडी देकर उनके नुकसान की भरपाई करने की पहल करनी होगी। प्रभावित उद्यमों को राहत पैकेज की घोषणा हो सकती है। इस टैरिफ से वस्त्र परिधान उद्योग, रत्न आभूषण उद्योग को काफी झटका लग सकता है। रामपुर के मिंट उद्योग के आर्डर भी होल्ड पर लगे हैं। लेकिन भारतीय मिंट का अमेरिका में विकल्प नहीं है कृतिम मेंथा काफी उत्पादों का विकल्प नहीं है। ऐसा लगता है कि जब अमेरिका यह महसूस कर लेगा कि भारत पर उसका दबाव बेअसर है तो देर सवेर अमेरिका अपने निर्णय पर पुनःविचार करेगा और बढ़ा टैरिफ वापस लेने को मजबूर होगा।
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