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Rampur News: रज़ा पुस्तकालय में पद्मविभूषण विदुषी गिरिजा देवी की स्मृति में पुष्पांजलि में लोकगायिका मालिनी अवस्थी के सुरीले स्वर गूंजे

रामपुर रज़ा पुस्तकालय परिसर में शनिवार की शाम पद्मविभूषण विदुषी गिरिजा देवी जी की स्मृति को समर्पित “पुष्पांजलि” कार्यक्रम का आयोजन उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ एवं रामपुर रज़ा पुस्तकालय के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

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Akhilesh Sharma
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पुष्पांजलि कार्यक्रम में प्रस्तुति देतीं पदमश्री मालिनी अवस्थी। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

रामपुर, वाईबीएन नेटवर्क। रामपुर रज़ा पुस्तकालय परिसर में शनिवार की शाम पद्मविभूषण विदुषी गिरिजा देवी जी की स्मृति को समर्पित “पुष्पांजलि” कार्यक्रम का आयोजन उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ एवं रामपुर रज़ा पुस्तकालय के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

इस अवसर पर देश के सुप्रसिद्ध कलाकारों ने शास्त्रीय एवं लोकधुनों की अनमोल प्रस्तुतियाँ दीं। कार्यक्रम की शुरुआत युवा गायक असमान खान (कोलकाता) की प्रस्तुति से हुई, जिन्होंने अपनी मधुर आवाज़ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके पश्चात सुप्रसिद्ध लोकगायिका एवं पद्मश्री मालिनी अवस्थी (लखनऊ) ने अपने सुरीले स्वर और भावपूर्ण गायन से संपूर्ण वातावरण को संगीतमय बना दिया। उनकी प्रस्तुति “बाली उमरिया में ब्याह के आई...” ने श्रोताओं को विशेष रूप से प्रभावित किया और लगातार तालियों की गड़गड़ाहट से परिसर गूंज उठा।

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युवा गायक असमान खान को सम्मानित करते निदेशक डा. पुष्कर मिश्र। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

इस आयोजन में नगर के अनेक गणमान्य नागरिक, साहित्यकार, शिक्षाविद एवं संगीतप्रेमी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी कलाकारों को उनके अद्वितीय योगदान एवं यादगार प्रस्तुतियों के लिए रामपुर रज़ा पुस्तकालय के निदेशक डॉ. पुष्कर मिश्र द्वारा सम्मानित किया गया।

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कार्यक्रम में उपस्थित शहर के गणमान्य। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

डॉ. मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि रामपुर रज़ा पुस्तकालय सदैव भारतीय शास्त्रीय एवं लोक संगीत परंपराओं को संरक्षित एवं प्रोत्साहित करने के लिए संकल्पित है। उन्होंने कलाकारों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन आने वाली पीढ़ियों को हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने का माध्यम हैं। कार्यक्रम में उपस्थित दर्शकों ने दोनों कलाकारों की प्रस्तुतियों का भरपूर आनंद लिया और उन्हें खड़े होकर सम्मान दिया। यह कार्यक्रम न केवल विदुषी गिरिजा देवी जी के अमूल्य योगदान को याद करने का अवसर बना, बल्कि रामपुर की सांस्कृतिक धरोहर को और भी समृद्ध करने वाला एक ऐतिहासिक आयोजन सिद्ध हुआ।

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पदम श्री मालिनी अवस्थी को सम्मानित करते निदेशक डा. पुष्कर मिश्र। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

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