/young-bharat-news/media/media_files/2025/05/22/PgOuLFTjKpgu0JrjBr7K.jpg)
Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता
जल के स्वच्छकार कछुओं का भी बढ़ रहा कुनबा
कछुआ को जल का स्वच्छकार कहा जाता है। रामगंगा के किनारे कछुआ की हेचरी विकसित की गई। तीन साल के भीतर इस हेचरी में सौ से ज्यादा कछुआ का कुनबा बढ़ गया। जो कि जलीय जैव विविधता का बड़ा प्रमाण है। गोमती नदी को जैव विविधता के लिए संरक्षित भी करने के प्रयास लगातार चल रहे हैं।
इटावा-औरैया के बाद शाहजहांपुर में हैं अधिक सारस
शाहजहांपुर के ककरा में बना जैव विविधता पार्क
/young-bharat-news/media/media_files/2025/05/22/DSQDFKKfq5MIM6Jnjw7n.jpg)
शाहजहांपुर में जैव विविधता को बढ़ाने और संरक्षित करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य जैव विविधता बोर्ड ने जिले के नौ प्राचीन वृक्षों को विरासत वृक्ष घोषित किया है। इन वृक्षों में पीपल, बरगद, पाकड़ और साल के पेड़ शामिल हैं, जो 100 से 400 साल पुराने हैं। इन वृक्षों के संरक्षण के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है और इनकी देखभाल का जिम्मा संबंधित ग्राम पंचायत और नगर निकाय को सौंपा गया है। इसके अलावा, दुर्लभ प्रजाति के पौधों के रोपण का अभियान भी चलाया जा रहा है, जो जैव विविधता को बढ़ावा दे रहा ह। जैव विविधता पार्क भी बनाए जा रहे हैं, जैसे कि ककरा में नगर निगम द्वारा बनाया गया पार्क और जलालाबाद में प्रस्तावित 20 हेक्टेयर का पार्क. इन प्रयासों से शाहजहांपुर में जैव विविधता को सुधारा जा रहा है और जलीय-स्थलीय जंतुओं की संख्या में वृद्धि हो रही है।
सूर्य नमस्कार पार्क
नगर निगम द्वारा जैव विविधता पार्क में ही सूर्य नमस्कार पार्क बनाया गया है। इसमें सूर्य नमस्कार की 12 मुद्राओं को स्टैचू के रूप में दर्शाया गया है।
गर्रा घाट का सौंदर्यीकरण
गर्रा घाट के सौंदर्यीकरण और जैव विविधता पार्क को और विकसित करने पर काम चल रहा है। नगर निगम डीपीआर तैयार कर शासन को भेज चुका है।
गोमती नदी में जैव विविधता संरक्षण
नमामि गंगे योजना के तहत भारतीय वन्य जीव संस्थान की टीम गोमती नदी में जैव विविधता संरक्षण का सर्वे कर चुकी है। गोमती नदी को जैवविविधता से जोड़ा जा रहा है। प्रदेश सरकार की इसे प्राथमिकता से कराया जा रहा है। शाहजहांपुर में करीब दो सौ विकसित किए जा रहे हैं। जिसमें झीलें, तालाब नदियों के अलावा प्राकृतिक जलस्रोत शामिल हैं।
जनपद में जैव विविधता के लिए करीब 200 वेटलैंड चिन्हित किए गए हैं। इनमें नदियां, झील और तालाब के साथ ही प्राकृतिक जलस्रोत भी शामिल हैं। सारस की संख्या लगातार बढ़ रही है। अन्य जलीय-स्थलीय जीव जंतुओं की संख्या बढ़ रही है। आगामी दिनों में बेहतर पर्यावरणीय माहौल विकसित होगा। -सुशील कुमार, प्रभागीय वन अधिकारी शाहजहांपुर
यह भी पढ़ेंः-
जनपद में नशे पर लगेगा पूर्ण विराम? जानिए कलेक्ट्रेट की बैठक में क्या लिए गए फैसले