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शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता।तहसीलों के बाद अबविकास भवन भी भ्रष्टाचार का मुख्य अडडा बन गया है। समाज कल्याण विभाग के बाद अब मत्स्य विभाग सुर्खियों में है। यहां निरीक्षक संजीव कुमार को विजिलेंस टीम ने ₹20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा। शिकायतकर्ता मुकेश कश्यप की लंबे समय से लंबित फाइल के बदले पैसे की मांग की जा रही थी। डीएम ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।
शासन-प्रशासन के भ्रष्टाचार रोकने के दावों के बीच शाहजहांपुर में एक और बड़ा घोटाला सामने आया है। विकास भवन में मत्स्य विभाग के निरीक्षक को विजिलेंस टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा, जिससे पूरे विभाग में खलबली मच गई है। इससे पूर्व तहसीलों का भ्रष्टाचार सुर्खियों में रहा था।
विकास भवन में विजिलेंस की बड़ी कार्रवाई
मंगलवार शाम विजिलेंस टीम ने मत्स्य विभाग के निरीक्षक संजीव कुमार को ₹20 हजार की रिश्वत लेते हुए धर दबोचा। यह कार्रवाई विकास भवन के बाहर उस वक्त हुई, जब शिकायतकर्ता को रुपए पैंट की जेब में रखने के लिए कहा गया।
शिकायतकर्ता की फाइल एक साल से अटकी थी
निषाद पार्टी से जुड़े मुकेश कश्यप पिछले एक साल से आवेदन के निस्तारण के लिए चक्कर लगा रहे थे। आरोप है कि निरीक्षक संजीव लगातार पैसे की मांग कर रहे थे और शिकायत करने पर कहा जाता था। रुपए दिए बिना काम नहीं होगा।
विजिलेंस को दी गुप्त सूचना, फिर जाल बिछाया गया
परेशान होकर मुकेश ने विजिलेंस से संपर्क किया। निर्धारित समय पर मौके पर पहुंचकर टीम ने निरीक्षक को तब पकड़ा जब उसने रकम जेब में रखने के लिए कहा। पकड़े जाने पर उसे तिलहर थाने ले जाया गया और बाद में टीम उसे बरेली लेकर चली गई।
कर्मचारियों में खलबली, अधिकारी फोन तक नहीं उठा रहे
विकास भवन में कार्रवाई की सूचना फैलते ही हड़कंप मच गया। कई अधिकारी फोन बंद कर लेते गए और स्टाफ प्रश्नों से बचता रहा। सहायक निदेशक मत्स्य का मोबाइल भी स्विच ऑफ मिला।
तालाब संचालन समिति में भी अनियमितताओं के आरोप
मुकेश कश्यप ने बताया कि 5 एकड़ से बड़े तालाबों के संचालन समिति के लिए आवेदन करने पर भी उन्हें लगातार टरकाया गया, जबकि बाद में आवेदन करने वाले कई लोगों के पंजीकरण कर दिए गए। संजीव 2016 से तैनात है और लगातार स्थानांतरण के बावजूद वापस इसी जगह पर पोस्ट हो जाता था।
जिले में भ्रष्टाचार के कई मामले पहले भी सामने आ चुके
पिछले दो वर्षों में विजिलेंस ने लेखपालों और अधिकारियों पर कई कार्रवाई की है।
10 अक्टूबर: राजस्व निरीक्षक अरविंद शर्मा ₹5000 रिश्वत लेते पकड़े गए।
फरवरी 2023: लेखपाल अरविंद अग्निहोत्री₹2000 की रिश्वत में धराए।
सितंबर 2023: जलालाबाद के लेखपाल धनवीर रंगे हाथ पकड़े गए।
जून 2022: लेखपाल उत्कर्ष वर्मा को ₹5000 लेते गिरफ्तार किया गया।
ये मामले साबित करते हैं कि बिना पैसे कई विभागों में कोई फाइल आगे नहीं बढ़ रही।
जिलाधिकारी ने दी कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि आरोपी निरीक्षक के निलंबन और विभागीय जांच की अनुशंसा भेजी जाएगी। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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