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धर्म कर्म : मनुष्य को ईश्वर से दूरं कर देता है अहंकार, प्रभु कृपा के लिए विनम्र बनिएः विजय कौशल

ओसीएफ रामलीला मैदान में रविवार को श्रद्धा भक्ति की भागीरथी बह उठी। मौका था श्रीराम कथा के शुभारंभ का। रामभक्त हनुमान की पूजा अर्चना के साथ शुरू कथा में पंडित विजय कौशल महाराज ने रामजन्म, नारद मोह प्रसंग के माध्यम से अहंकार से बचने को प्रेरित किया।

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Narendra Yadav
शाहजहांपुर के ओसीएफ रामलीला मैदान में हनुमान जी की पूजा अर्चना के साथ रामकथा का शुभारंभ करते पंडित विजय कौशल जी महाराज

शाहजहांपुर के ओसीएफ रामलीला मैदान में हनुमान जी की पूजा अर्चना के साथ रामकथा का शुभारंभ करते पंडित विजय कौशल जी महाराज Photograph: (रोचक अग्निहोत्री)

वाईबीएन संवाददाता शाहजहांपुरःओसीएफ रामलीला मैदान में मंगलमय परिवार की ओर से आयोजित श्रीराम कथा का रविवार को भव्य शुभारंभ हुआ। पूज्यसंत विजय कौशल जी महाराज के पावन सान्निध्य में आरंभ हुई कथा के प्रथम दिवस पर श्रद्धा, भक्ति और भावनाओं का ऐसा संगम देखने को मिला कि पूरा मैदान “जय श्रीराम” के उद्घोष से गूंज उठा। फूलों, झालरों और आकर्षक प्रकाश सज्जा से अलंकृत पंडाल आध्यात्मिक आभा से भर गयाः

 हनुमान जी की पूजा-अर्चना से शुरू कथा में कथाव्यास पंडित विजय कौशल जी महाराज ने कहा कि हनुमान जी निष्ठा, सेवा और समर्पण के प्रतीक हैं। हर शुभ कार्य से पहले उनकी आराधना करना हमारे मन को पवित्र बनाताहै। नारद मोह प्रसंग में कथाव्यास ने बताया कि देवर्षि नारद जैसा ज्ञानी भी जब अहंकार के स्पर्श में आता है, तो माया उसे भी भ्रमित कर देती है। यह प्रसंग हमें यह शिक्षा देता है कि भक्ति का आधार विनम्रताहै और अहंकार मनुष्य को ईश्वर से दूर कर देता है।

राम लला जन्मे अयोध्या में... भजन पर झूम उठी महिलाएं 

शाहजहांपुर के ओसीएफ रामलीला मैदान में आयोजित पंडित विजय कौशल महाराज की रामकथा में उमडे श्रद्धालु
शाहजहांपुर के ओसीएफ रामलीला मैदान में आयोजित पंडित विजय कौशल महाराज की रामकथा में उमडे श्रद्धालु Photograph: (रोचक अग्निहोत्री)

संगीत की स्वर लहरियों पर महाराज श्री ने भावपूर्ण वाणी से प्रस्तुत कथा से श्रोताओं को आत्मचिंतन के लिए प्रेरित किया। रामजन्म प्रसंग में कथाव्यास ने जैसे ही दशरथ दरबार में भगवान श्रीराम के अवतरणका वर्णन किया, पंडाल राम लला जन्मे अयोध्या में..., भजन के स्वर से गूंज उठा। श्रद्धालु भाव विभोर हो थिरक उठे। महिलाएं झूमकर मंगलगीत गाने लगीं, वहीं बुजुर्ग भक्त भाव-विभोर हो कथा में लीन रहे।

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डीसीबी चेयरमैन बने मुख्य यजमान, किया पूजन 

शाहजहांपुर के ओसीएफ रामलीला मैदान में हनुमान जी की पूजा अर्चना के साथ रामकथा का शुभारंभ करते पंडित विजय कौशल महाराज, साथ में मुख्य यजमान डीपीएस राठौर व सोनिया सिंह राठौर
शाहजहांपुर के ओसीएफ रामलीला मैदान में हनुमान जी की पूजा अर्चना के साथ रामकथा का शुभारंभ करते पंडित विजय कौशल महाराज, साथ में मुख्य यजमान डीपीएस राठौर व सोनिया सिंह राठौर Photograph: (रोचक अग्निहोत्री)

मुख्य यजमान के रूप में जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन डीपीएस राठौर, उनकी धर्मपत्नी सोनिया राठौर तथा बहन सरिता सिंह चौहान ने विधिवत पूजा-अर्चना की। हाईकोर्ट जज सुरेंद्र कुमार सिंह तथा मुख्य शासकीयअधिवक्ता लखनऊ खंडपीठ शैलेंद्र कुमार सिंह भी उपस्थित रहे। मंच संचालन अजय शर्मा ने किया।

पहले दिन इन श्रद्धालु स्वयंसेवकों ने संभाली व्यवस्थाएं

शाहजहांपुर के ओसीएफ रामलीला के शुभारंभ पर पूजा अर्चना करते राजेश अवस्थी साथ में आयोजक मंडल के सदस्य
शाहजहांपुर के ओसीएफ रामलीला के शुभारंभ पर पूजा अर्चना करते राजेश अवस्थी साथ में आयोजक मंडल के सदस्य Photograph: (रोचक अग्निहोत्री)
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कार्यक्रम में स्वामी हरिदास, राजेश अवस्थी, गोविंद मिश्रा, अवनीश सिंह, असित पाठक, मनोज तिवारी, राजीव अवस्थी, सौरभ बाजपेई, आशुतोष मिश्रा सहित अनेक गणमान्यजन मौजूद रहे।

कथाव्यास का मुख्य संदेश

ओसीएफ रामलीला मैदान श्रीराम कथा सुनाते  कथाव्यास पंडित विजय कौशल महराज
ओसीएफ रामलीला मैदान श्रीराम कथा सुनाते कथाव्यास पंडित विजय कौशल महराज Photograph: (रोचक अग्निहोत्री)

श्रीराम कथा के प्रथम दिन के विराम के अवसर पर कथाव्यास पंडित विजय कौशल महाराज ने कहा कि श्रीराम कथा केवल ईश्वर चरित्रावली नहीं, बल्कि मनुष्य को जीवन में संयम, मर्यादा और सेवा की प्रेरणा प्रदान करने वाला मार्गदर्शन है। उन्होंने श्रद्धालुओं से आगामी दिनों में भी नियमित कथा श्रवण की अपील की।

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