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शाहजहांपुर में शालिग्राम तुलसी विवाह के दौरान हवन करते शादी के जोडे में सजे जोडे Photograph: (नरेंद्र यादव)
शाहजहांपुरवाईबीएनसंवाददाता। शाहजहांपुर महानगर में गुरुवार रात, परंपरा के पावन उत्सवसेसराबोररही। यहां के कृष्णानगर मंदिर परिसर में अध्यात्म, भक्ति और सामाजिक समरसता का ऐसा दृश्य देखने को मिला, जिसे देखकर हर हृदय श्रद्धा से भर गया। पारंपरिक वैदिक विधि-विधान के अनुसार शालिग्राम भगवान और तुलसी मां का विवाह संपन्न कराया गया। भक्ति गीतों की धुन में मंदिर प्रांगण झूम उठा और श्रद्धालु मंगल गीतों में खो से गए।
सात कन्याओं का घर बसा, एक अनोखी पहल
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इस आयोजन की विशेषता रही कि इसी विवाहोत्सव में सात जोड़ों का सामूहिक विवाह भी संपन्न कराया गया। कई परिवार जो सामाजिक या आर्थिक कारणों से अपनी कन्याओं का विवाह नहीं कर पा रहे थे, उन्हें मंदिर समिति ने आगे बढ़कर यह अवसर प्रदान किया।ये दृश्य सिर्फ संस्कारों का नहीं, बल्कि समाज में हाथ थामने की संस्कृति का जीवंत प्रमाण था। हवन पूजन के साथ शालिग्राम व तुलसी मइया की झांकी के फेरे लेने के बाद जब सीमा विजय कुमार, रजनी सचिन कुमार, खुशी विशाल राजपूत, आरती सक्सैना लक्ष्मीकांत, सपना अतुल जोशी, ज्योति पवन कुमार, नेहा श्रीवास्तव सचिन श्रीवास्तव घर के लिए विदा हुए तो मंदिर समिति की ओर से उपहारों की वर्षा की गई। प्रत्येक जोडे को घर की जरूरत की सभी वस्तुएं उपहार स्वरूप भेंट की गई। विवाह के लिए जो चढावा आया उसे भी सातों जोडों में समान रूप से बांट दिया गया।
भावनाओं को छू लेने वाला क्षण
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इन सात जोड़ियों में एक जोड़ी विशेष रूप से ध्यान आकर्षित कर रही थी। दूल्हा दिव्यांग था, फिर भी उसने सहारे के साथ फेरे लिए। उसकी जीवनसंगिनी, अपने दृढ़ कदमों के साथ उसके जीवन की यात्रा में साथ खड़ी नजर आई। यह क्षण ऐसा था जिसने हर आंख को नम कर दिया और हृदय को स्पंदित कर दिया।यह दृश्य इस संदेश का दीपक था कि विवाह केवल दो शरीरों का नहीं, दो आत्माओं का संगम है।
डीसीबी अध्यक्ष डीपीएस राठौर भी सपरिवार पहुंचे, नव दंपत्ति को दिया आशीष
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जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष डीपीएस राठौर अपनी धर्मपत्नी सोनिया सिंह राठौर के साथ मध्य रात्रि 12 बजे के लगभग समारोह में पहुंचे और विवाह सम्पन्न करवाने वाली जोड़ियों को आशीर्वाद प्रदान किया। मंदिर समिति ने सभी नवदंपतियों को आवश्यक उपहार और सामग्री भी प्रदान की। यह सहयोग सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि संवेदना का आश्रय था। इस दाैरान डीपीएस राठौर ने मंदिर समिति के कार्यों की सराहना की, कहा कि धर्म व अध्यात्म की परंपरा के बीच सामाजिक सरोकारों को निभाकर समिति ने अनुकरणीय व सराहनीय कार्य किया है।
प्रभात फेरी संग पूरे कार्तिक माह भक्ति की भागीरथी में लगाए गोते, मार्गशीष का सरोकार संग शुभारंभ
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विवाह से पूर्व मंदिर समिति की ओर से कार्तिक माह भर प्रभात फेरी भी निकाली गई। जिसमें श्रद्धालु भजन और कीर्तन करते हुए राम-नाम और हरी-नाम का गुणगान करते देखे गए। मार्गशीष की पहली भोर की उस हवा में भक्ति की लहर, और समुदाय की एकता का सुगंधित स्पर्श महसूस हुआ।यह आयोजन धर्म और सामाजिक सरोकारों का सुंदर संगम बनकर दिलों में बस गया।
समाज के लिए प्रेरक संदेश
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यह आयोजन बताता है कि जब मंदिर केवल पूजा स्थल नहीं, बल्कि समाज की जिम्मेदारी निभाने वाला केंद्र बन जाता है, तब परंपराएं जीवन को संवारती हैं।यह विवाह सिर्फ संस्कार नहीं, बल्कि जीवन में उम्मीद, आत्मविश्वास और अपनत्व भरने का समारोह था।
इनका रहा मुख्य सहयोग, आज शाम महिला संगीत
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विवाह समारोह में मंदिर समिति के प्रधान सुशील नारंग, संरक्षक प्रेम नारंग, महामंत्री कमलेश सचदेव, हरीश बजाज, युवा सेवा समिति के प्रधान संजीव सचदेवा, मीडिया प्रभारी दीप गुप्ता एडवोकेट आदि का विशेष सहयोग रहा। मीडिया प्रभारी दीप गुप्ता ने बताया कि विवाहोपरांत यानी सात नवंबर को ‘महिला संगीत’ का कार्यक्रम मंदिर प्रांगण में आयोजित किया गया है, जिसमें सभी श्रद्धालुओं व सहयोगियों को आमंत्रित किया गया है।
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