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शाहजहांपुर को मिलेगा नया स्वरूप, डीएम ने पेश किया 100 करोड़ का विकास मॉडल

डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में शाहजहांपुर के कायाकल्प पर हुई अहम बैठक। जनता के सुझावों के आधार पर तय हुई विकास योजनाएं। 18 महीने में बदल जाएगी शहर की तस्वीर। सौंदर्यीकरण, रिवर फ्रंट, स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर समेत कई योजनाएं शामिल।

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Ambrish Nayak
शाहजहांपुर

Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

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शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता । बदलकी कवायद अब जमीन पर उतरने लगी है। जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को कलक् सभागार में विकास योजनाओं को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। यह बैठक डीएम द्वारा फेसबुक पर मांगे गए नागरिक सुझावों के आधार पर की गई। जिसमें शहर के समग्र विकास की रणनीति तय की गई।

शाहजहांपुर
Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने कहा अब शाहजहांपुर को नया रूप देने का वक्त आ गया है। केवल बात नहीं अब काम होगा। हमारी पहली प्राथमिकता निर्माण कार्यों को अमलीजामा पहनाना है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अगले 18 महीनों में शहर की तस्वीर और तकदीर दोनों बदलने वाले हैं।

प्रमुख विकास योजनाएं:

इंटरनेशनल स्तर का स्विमिंग पूल व अत्याधुनिक कबड्डी मैदान का निर्माण।

पशुओं के अंतिम संस्कार के लिए विशिष्ट क्रिमेटोरियम की स्थापना।

हथौड़ा से अटसलिया तक नई स्ट्रीट लाइटिंग व्यवस्था।

पक्का पुल से हनुमतधाम तक रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट और सुगम संपर्क मार्ग।

पुलों पर नेट्स की व्यवस्था, जिससे कचरा नदी में न गिराया जा सके।

गांधी भवन का निर्माण कार्य 2-3 दिन में शुरू, 6 माह में पूर्ण होने की संभावना।

100 करोड़ रुपये की लागत से शहर का सौंदर्यीकरण।

मानसून के बाद शहर की सभी टूटी सड़कों की मरम्मत।

अधिकारियों की कॉलोनी को आधुनिक रूप में विकसित किया जाएगा।

दो निजी कंपनियों द्वारा मॉल और मल्टीप्लेक्स का निर्माण।

नागरिकों ने दिए सुझाव

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बैठक में शामिल नागरिकों ने भी बहुमूल्य सुझाव दिए। वरिष्ठ नागरिक सुरेंद्र सिंह सेठी ने खन्नौत नदी के किनारे सौंदर्यीकरण की मांग की साथ ही तिराहा पुलिया चौड़ी करने और चौक-चौराहों पर विशाल तिरंगा लगाने का सुझाव दिया। जनराज्य फ्रंट के राष्टीय अध्यक्ष अजय पाण्डेय ने जीजीआईसी,चौक में फर्नीचर न होने के कारण जमीन पर बैठ कर पढ़ती बेटियों का मामला उठाया जिलाधिकारी ने मामले को संज्ञान लेते हुए पर्याप्त फर्नीचर उपलब्ध कराने की बात कही। रामजी अवस्थी और सचिन बाथम ने भी कई व्यावहारिक सुझाव साझा किए।

डीएम का फोकस

डीएम ने कहा कि जिले के पास बजट की कमी नहीं है, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती यह है कि उसे कहाँ और कैसे प्रभावी तरीके से खर्च किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि जन सहभागिता से ही योजनाओं को धरातल पर उतारा जाएगा और शाहजहांपुर को एक मॉडल शहर के रूप में विकसित किया जाएगा।

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