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टेलीविजन देखते लोग Photograph: (वाईबीएन)
शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता।विश्व टेलीविजन दिवस (21 नवंबर) सिर्फ एक तकनीकी उपलब्धि का जश्न नहीं, बल्कि उस माध्यम की कहानी है जिसने जानकारी, मनोरंजन और शिक्षा को हर घर तक पहुंचाने का सबसे आसान जरिया बनाया। ब्लैकएंडव्हाइट चित्रों से लेकर हाई-डेफिनिशनस्मार्ट टीवी तक की यह यात्रा समाज के बदलते स्वरूप की जीवंत गवाही है। टेलीविजन रोजगार भी बडा माध्यम बना। असंख्य लोगों को टीवी ने स्वावलंबी बनाया। संचार क्रांति के बाद तो पूरा स्वरूप ही बदल गया। अब तो मोबाइल के रूप में हाथ में टीवी आ गया।
जानिए कब और कैसे हुआ टीवी का अविष्कार
टेलीविजन का आविष्कार 1926 में स्काटलैंड के वैज्ञानिक जॉनलॉगीबेयर्ड ने किया। उन्होंने पहली बार यांत्रिक डिस्क के जरिए चलती तस्वीरें प्रसारित करके दुनिया को नई तकनीक से परिचित कराया। यह आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक टीवी की नींव मानी जाती है।
सबसे पहले किस देश में देखा गया टीवी प्रसारण
दुनिया में सबसे पहला नियमित टीवी प्रसारण ब्रिटेन में शुरू हुआ। बीबीसी ने 1936 में नियमित टेलीविजन सेवा शुरू कर टेलीविजन को आम जनता तक पहुंचाने का रास्ता खोला। उसी समय इसे टेलीविजन युग का आरंभ माना गया।
ब्लैक-एंड-व्हाइट के बाद कब आया कलर टीवी
ब्लैक-एंड-व्हाइट तस्वीरों के जमाने को बदलने वाला कलर टीवी पहली बार 1954 में अमेरिका में पहली बार आया। बाद में यह तकनीक यूरोप और एशिया में पहुंची।भारत में कलर टीवी 1982 के एशियाई खेलों के दौरान पहली बार व्यापक रूप से दिखाया गया, जिसने भारतीय टीवी उद्योग को नई गति दी।
105 साल में इस तरह बदला टेलीविजन का स्वरूप
• 1920–30: यांत्रिक टीवी
• 1940–60: इलेक्ट्रॉनिक ब्लैक-एंड-व्हाइट टीवी
• 1954: पहला कलर टीवी
• 1980–90: केबल नेटवर्क व डिस टीवी
• 2000 के बाद: LCD, LED, स्मार्ट टीवी
• 2020 के बाद: OTT प्लेटफॉर्म और इंटरनेट टीवी
देखा टीवी सिर्फ देखने का माध्यम नहीं, बल्कि संचार और डिजिटल शिक्षा का सबसे बड़ा औजार बन चुका है।
शाहजहांपुर से जुड़ाव, मनोरंजन से शिक्षा तक का सफर
शाहजहांपुर में 1980 के दशक से टीवी ने गांव-गांव तक सूचना और मनोरंजन पहुंचाया। दूरदर्शन के कार्यक्रमों की सामूहिक स्क्रीनिंग गांवों में उत्सव जैसा माहौल बनाती थी। आज शहर में स्मार्ट टीवी और हाई-स्पीड इंटरनेट के चलते बच्चे ऑनलाइन शिक्षा लेते हैं, स्थानीय कार्यक्रम और लाइवन्यूज के माध्यम से लोग जिला-स्तरीय घटनाओं से मिनट-मिनट जुड़े रहते हैं। स्थानीय केबल नेटवर्क ने भी सूचना प्रसारण को तेजी से बढ़ाया है। दुनिया को जोडा, समाज की बदल दी दिशा। टेलीविजन ने घरों की चारदीवारी से दुनिया को जोड़ा। विश्व टेलीविजन दिवस हमें याद दिलाता है कि सूचना का यह माध्यम सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज को जागरूक और शिक्षित करने की ताक़त भी रखता है।
रोजगार में भी क्रांति
इलेक्ट्रानिक कारोबारी नवनीत पाठक, सुवनीत पाठक, जसविंदर सिंह बजाज का कहना है टेलीविजन ने देश दुनिया को आमजन से जोड दिया। इससे असंख्य लोगों को रोजगार भी मिला। संचार क्रांति शुरू होने से टेलीविजन का स्वरूप बदल गया। अब मोाबइल के रूप में टीवी लोगों की जेब में पहुंच गया है। घरों में थियेटर के रूप में टेलीविजन का प्रयोग होने लगा है।
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