मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता। मुरादाबाद जिले के भ्रष्ट जिला उद्यान अधिकारी (DHO) के निलंबन के लिए शासन में पड़ी पत्रावली के अवलोकन से उनके कारनामे की परतें एक-एक करके खुलती जा रही हैं। उन्होंने मुरादाबाद उपनिदेशक (DD) के संज्ञान में लाये बगैर टेंडर निकाल दिया, जिसके जमा करने की समयावधि रखा दस दिन और दसवें दिन दोपहर 12 बजे समयावधि खत्म होने के एक घंटे के बाद दोपहर एक बजे ई टेंडश्र खोल दिया, जिसकी वरिष्ठ अधिकारियों को भनक तक नहीं लगी।
शासन के आदेशानुरूप अगर जिला उद्यान अधिकारी कोई ई टेंडर करते हैं तो उन्हें मंडलीय अधिकारी से अनुमोदन लेना चाहिये। मगर एग्रो फॉरेस्ट्री के अंतर्गत जनपद में फॉरेस्ट प्लाटिंग मटेरियल के उत्पादन के लिए हाईटेक नर्सरी की स्थापना का कार्य किया जाना था, जिसके लिए ई-निविदा निकाली जानी थी। शासनादेश के मुताबिक ई-निविदा में अगर किसी तरह की अनियमितता अथवा वित्तीय नियमों का विचलन किया जाता है तो डीडी और डीएचओ दोनों ही उत्तरदायी होंगे। शासन में लंबित रिपोर्ट के मुताबिक मुरादाबाद के जिला उद्यान अधिकारी वैजनाथ सिंह ने 7 जनवरी 2025 बगैर अनुमोदन के ई टेंडर को अपलोड कर दिया और ई टेंडर के डाउनलोड व अपलोड करने की तारीख 8 जनवरी 2025 से 28 जनवरी 2025 तक दिन के 12:00 बजे तक रखी जबकि उसके 1 घंटे बाद ही 28 जनवरी 2025 को दोपहर 1:00 बजे ई टेंडर को खोलने की अवधि प्रस्तावित कर दी गई, जो स्पष्ट तौर पर घालमेल को दिखाता है।
पत्रावली के मुताबिक जिले के डीएम और सीडीओ को गुमराह करते हुए जहां एक ओर डिप्टी डाइरेक्टर को नजरंदाज कर दिया तो वहीं दूसरी ओर बाहरी जिले के अधिकारियों की कमेटी बना ली, इस कमेटी में डिप्टी डाइरेक्टर को शामिल तक नहीं किया गया। जबकि वित्तीय अनियमितता के लिए शासन ने डिप्टी डाइरेक्टर को भी उत्तरदायी बनाया हुआ है। यही नहीं ई टेंडर प्रक्रिया में डिप्टी डाइरेक्टर के आईडी का इस्तेमाल जरूर किया गया है।
पत्रावली के मुताबिक पूरे प्रकरण में जिला उद्यान अधिकारी वैजनाथ सिंह और वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक दिलीप सिंह दोषी हैं, दोनों के विरूद्ध कार्यवाही आवश्यक है।
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