मुरादाबाद, वाईबीएन, संवाददाता। मानसरोवर योजना में रहने वाले बाशिंदो की दिक्कतों को समझते हुए जिस कम्यूनिटी सेंटर की लीज को मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (एमडीए) के तत्कालीन वीसी ने वर्ष 2017 में निरस्त कर दिया था। उन पर भू-माफिया और बेईमान कर्मचारी भारी पड़े। फलस्वरूप मानसरोवर योजना के कम्यूनिटी सेंटर को एमडीए के कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से पुन: उसी भू-माफिया को अलाट कर दिया गया और लीज की शर्त भू-माफिया ने स्वयं तैयार करवाई जिस पर एमडीए के अधिकारियों ने केवल हस्ताक्षर भर किये।
मानसरोवर योजना में रहने वाले बाशिंदों ने बताया कि 5643 वर्ग मीटर में बने कम्युनिटी सेंटर को एमडीए ने चंद हजार रूपये महीने पर अलाट कर दिया है, जबकि इसी कम्युनिटी सेंटर के साथ में 1513 वर्ग मीटर का एक खाली प्लाट भी है, जिस पर भू-माफिया ने कब्जा किया हुआ है, जिसका वह व्यक्तिगत उपयोग करता है।
मानसरोवर योजना में रहने वालों का कहना है कि भू-माफिया इस कम्यूनिटी सेंटर में एमडीए के अधिकारियों व कर्मचारियों को बुलाकर उनकी पार्टियां करता है और उनकी रातें रंगीन करता है। इसलिए एमडीए के अधिकारी व कर्मचारी भू-माफिया के अनुसार ही लीज की शर्तों को बनवाते हैं, जिस पर अधिकारी अपनी मुहर लगाते हैं। उनका कहना है कि भू-माफिया ने बाहर बोर्ड तो लगा रखा है, योजना के लोगों को 25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। मगर मानसरोवर योजना के लोग जब फंक्शन के लिए जाते हैं, तब उनसे बता दिया जाता है, जिस तारीख में आप मांगे रहे हैं। उस तारीख में पहले से बुक है। इस तरह से मानसरोवर योजना के बाशिंदे खुद को ठगा महसूस करते हैं।
किराया 83 हजार और वसूली लाखों में
मानसरोवर योजना में रहने वालों का कहना है कि एमडीए ने जिस भू-माफिया को महज 83 हजार रूपये महीने पर मानसरोवर योजना का कम्यूनिटी सेंटर दे रखा है। उससे वह 50 लाख रूपये महीना कमाता है। शादी के सीजन में तो मत ही पूछो। एक-एक दिन में तीन-तीन और चार-चार शादियां यहां पर हो जाती है।
लोगों का कहना है कि जब तीन-तीन और चार-चार शादियां होती हैं, तो रात भर शोरगुल होता रहता है। बच्चों की पढ़ाई डिस्टर्ब होती है। लोग रात भर सो नहीं पाते हैं। डीजे और बैँडबाजे वालों के कानफोड़ू आवाज से लोगों का दम घुटता है।
भागे भू-माफिया तो 5 से 10 हजार में होगा फंक्शन
योजना के निवासियों का कहना है कि अगर एमडीए भू-माफिया की लीज निरस्त कर दे तो उन लोगों के फंक्शन 5 से 10 हजार रूपये की रशीद पर हो सकते हैं। उसके अब उन्हें तीन से चार लाख रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं।
मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के नवागत वीसी आईएएस अनुभव सिंह ने यंग भारत से बातचीत में बताया कि लीज की संपत्तियों की डिटेल जुटाई जा रही है, जल्द कार्रवाई की जाएगी।
यह भी पढ़ें: MDA: दमदार वीसी ने जब समझी मानसरोवार योजना के बाशिंदों की दिक्कत, भू-माफिया से खाली कराया कम्यूनिटी सेंटर
यह भी पढ़ें: Moradabad: कम्युनिटी सेंटर को तरस गए मानसरोवर योजना के बाशिंदे
यह भी पढ़ें: Moradabad: 35 साल बाद उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद ले पाया अपना भवन
यह भी पढ़ें: मुरादाबाद में बर्ड फ्लू से पशुपालन महकमा अलर्ट, जुटाएगा नमूने