मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता। आबकारी विभाग के मंडलीय दफ्तर में कार्यरत एक बाबू (स्टेनो वैयक्तिक सहायक ) ऐसा है जिसके भौकाल से जिले से लेकर मंडल स्तर के अधिकारी थर्र-थर्र कांपते हैं। अब तक जितने भी आबकारी अधिकारी विभाग में आए। वह किसी तरह से अपनी नौकरी काट कर चले गए और उनकी इतनी हिम्मत नहीं पड़ी कि इस बाबू को छेड़ दें या उसकी मनमानी पर अंकुश लगाएं। इस बाबू का केवल मुरादाबाद मंडलीय कार्यालय में ही नहीं, बल्कि मुरादाबाद मंडल के अंतर्गत आने वाले जिले के आबकारी विभाग के दफ्तरों, शुगर मिलों और शराब की फैक्ट्रियों में भी पूरा दखल रहता है।
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इस बाबू ने एक तरह से अपने लोगों का कॉकस बना रखा है। अगर कोई अधिकारी उसके खिलाफ कार्यवाही करने या लिखा पढ़ी की हिम्मत जुटाता है तो वह उसे एससी-एसटी के केस में भी फंसाने की धमकी देता है। मुरादाबाद मंडल के आबकारी विभाग में इस बाबू ने सभी जिलों और आबकारी विभाग के अधीन आने वाले संस्थानों में अपने लोगों को ऐसा सेट कर रखा है कि कहीं पत्ता भी हिलता है तो उसे पूरी जानकारी हो जाती है। यही नहीं इसके अलावा इस बाबू ने आबकारी विभाग के प्रयागराज स्थित मुख्यालय में सेटिंग बना रखी है।
इस बाबू का प्रमोशन भी हो चुका है, जिसका पद प्रयागराज स्थित आबकारी विभाग के मुख्यालय में है। प्रमोशन हुये चार महीने से अधिक हो गये हैं। बावजूद इसके यह बाबू अभी तक मुरादाबाद से हिला नहीं और मुख्यालय से लेकर मुरादाबाद मंडल स्तर के अधिकारी इसके खिलाफ कार्यवाही करने की हिमाकत नहीं कर पा रहे हैं।
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