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समाज कल्याण विभाग मुरादाबाद
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समाज कल्याण विभाग मुरादाबाद
मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता। मुरादाबाद के समाज कल्याण विभाग की 41 साल पुरानी दुकानों पर कब्जे के लिए कुछ लोगों ने विभागीय कर्मचारियों से साठगांठ कर फर्जी आवंटन पत्र बना लिया। उस फर्जी आवंटन पत्र को लेकर एसडीएम के पास पहुंचकर दुकानों से कब्जा हटवाने के लिए गुहार लगाई। बाद में जांच कराई गई तो फर्जीवाड़ा सामने आया। पता चला कि तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी सुधीर कुमार के कार्यकाल में ये फर्जी आवंटन पत्र तैयार किए गए थे। इस मामले में विभाग के एडीओ,अनुदेशकों समेत 15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) शैलेंद्र कुमार गौतम ने सिविल लाइंस थाना पुलिस को तहरीर देकर बताया कि साल 1983-84 में समाज कल्याण विभाग की बिलारी तहसील क्षेत्र में बनी 34 दुकानों का आवंटन किया गया था। तब से उसमें लोग दुकानें चला रहे हैं। जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) के अनुसार बिलारी के नुरुद्दीनपुर उर्फ गंज निवासी दानवीर सिंह और शेरपुर माधो उर्फ धनियाखेड़ा निवासी जितेंद्र ने जून 2020 को एसडीएम बिलारी के कार्यालय में प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमें बताया कि बिलारी के रुस्तमपुर सहसपुर की दस दुकानों का आवंटन किया गया है। सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई हैं, मगर अब तक कब्जा नहीं दिलाया गया है। मामले में एसडीएम बिलारी ने नायब तहसीलदार और एसएचओ बिलारी को जांच के आदेश दे दिए।
जांच के दौरान जब इस संबंध में तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) से बात करके 10 दुकानें के पुन: आवंटन के लिए आए नया शासनादेश मांगा गया तो उन्होंने लिखित में दिया कि उनकी ओर से दुकानों का कोई भी पुन:आवंटन नहीं किया गया है। यह भी बताया कि दानवीर सिंह द्वारा उपलब्ध कराए गया आवंटन पत्र उनके कार्यालय के किसी डाक डिस्पैच पंजिका में उपलब्ध नहीं है। हालांकि आवंटन पर तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) सुधीर कुमार द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं, जिससे यह प्रतीत होता है कि फर्जी आवंटन पत्र तैयार किया गया है।
दानवीर सिंह, जितेंद्र कुमार के अलावा बिलारी के रुस्तम नगर सहसपुर निवासी कुमारी आंचल, राकेश कुमार, बिलारी के नुरुद्दीनपुर उर्फ गंज निवासी गवेंद्र सिंह, धनिया खेड़ा राजकिशोर, नुरुद्दीनपुर उर्फ गंज निवासी धर्मेंद्र, जितेंद्र कुमार, मोनी सागर, हरभजन, राजा राम ने फर्जी आवंटन पत्र प्रस्तुत किए हैं। इस मामले की जानकारी डीएम को दी गई। जिसमें यह भी बताया गया कि तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी का कार्यकाल 16 अगस्त 2019 से लेकर 31 मार्च 2020 तक रहा है। उसी दौरान दुकानों के फर्जी आवंटन पत्र तैयार किए गए हैं। जबकि उस समय प्रबंधक का कार्यभार मेवाराम, अनुदेशक वसूली सहायक कुमारी सारिका, वसूली सहायक लेखाकार गौरव कुमार और सहायक विकास अधिकारी प्रभारी प्रबंधक अनुज कसाना की तैनाती रही थी।
आरोप लगाया कि इस फर्जीवाड़े में इन चारों की भूमिका भी संदिग्ध है। जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) ने तहरीर के माध्मय से सभी पर केस दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की। एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर इस मामले में 15 नामजद आरोपियों के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में धोखाधड़ी, जालसाजी, अपराधिक षड़यंत्र समेत अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। समाज कल्याण विभाग से दस्तावेजी साक्ष्य मांगे गए हैं। उसकी मदद से विवेचना करके आगे की कार्रवाई कराई जाएगी।
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