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रामपुर रजा लाइब्रेरी में आयोजित प्रदर्शनी में मौजूद निदेशक डा. पुष्कर मिश्र के साथ स्कूलों के बच्चे और शिक्षक। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
रामपुर, वाईबीएन नेटवर्क। रामपुर रज़ा पुस्तकालय एवं संग्रहालय में शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में एक विशेष प्रदर्शनी शुरू हुई। जिसका उद्घाटन पुस्तकालय के निदेशक डॉ. पुष्कर मिश्र ने किया। संबोधन में डॉ. मिश्र ने कहा कि शिक्षक दिवस प्रत्येक वर्ष 5 सितम्बर को भारत के पूर्व राष्ट्रपति, महान शिक्षाविद् एवं दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस पर मनाया जाता है। शिक्षक हमारे जीवन के मार्गदर्शक होते हैं। वे केवल शिक्षा नहीं देते, बल्कि हमें अच्छे संस्कार, जीवन मूल्यों और मानवता का पाठ भी पढ़ाते हैं। शिक्षक दिवस हमें उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का एक सुनहरा अवसर देता है।
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डॉ. मिश्र ने डॉ. राधाकृष्णन के जीवन से दो महत्वपूर्ण घटनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि जब वे सोवियत संघ के तत्कालीन शासक स्टालिन से मिलने गए, तो विदा लेते समय उन्होंने स्नेहपूर्वक उनके कंधे पर हाथ रखा। यही व्यवहार उन्होंने चीन के तत्कालीन नेता माओ त्से तुंग के साथ भी किया। यह घटनाएं यह सिद्ध करती हैं कि भारत में गुरु का स्थान सर्वोच्च है। चाहे शासक कितना ही शक्तिशाली क्यों न हो, वह एक सच्चे आचार्य से ऊपर नहीं हो सकता, उन्होंने आगे सर सैयद अहमद ख़ां के संदर्भ में कहा कि जब उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना की, तो उन्हें कट्टरपंथी विरोध और फतवों का सामना करना पड़ा। लेकिन आज वही विश्वविद्यालय विश्वभर में प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, डॉक्टरों और शिक्षाविदों को जन्म दे रहा है।
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“जब व्यक्ति अज्ञान और अंधकार में जीता है, तब वह दूसरों के विरुद्ध षड्यंत्र करता है। लेकिन जब वह ज्ञान की रोशनी से आलोकित होता है, तब उसमें करुणा, सहानुभूति और उत्कृष्टता की भावना जागृत होती है। यही भावना समाज को समृद्ध, सुखद और शांतिपूर्ण भविष्य की ओर ले जाती है।”
11 सितंबर तक चलेगी रजा पुस्तकालय में यह प्रदर्शनी
रज़ा पुस्तकालय द्वारा आयोजित इस विशेष प्रदर्शनी में शिक्षा, विद्या और प्रेरणा से संबंधित दुर्लभ पुस्तकों, ऐतिहासिक दस्तावेजों, महान शिक्षाविदों की जीवनियों और विभिन्न शोध सामग्रियों को प्रदर्शित किया गया है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में छात्र, शोधार्थी, शिक्षकगण और नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
यह प्रदर्शनी 04 सितम्बर 2025 से 11 सितम्बर 2025 तक आमजन के लिए प्रातः 10 बजे से सांय 5 बजे तक खुली रहेगी, जिससे दर्शक शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी अमूल्य जानकारी का अवलोकन कर सकेंगे।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का संचालन श्रीमती शाजिया हसन द्वारा अत्यंत कुशलता से किया गया।
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