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मधुबनी (बिहार), वाईबीएन संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को पंचायत दिवस के अवसर पर बिहार के मधुबनी में कई परियोजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण के लिए पहुंचे । इस दौरान पीएम मोदी ने एक रैली को संबोधित किया , जिसकी शुरुआत में उन्होंने पुलवामा हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनट के मौन से अपनी रैली की शुरुआत की । इस दौरान पीएम मोदी ने पहलगाम हमले के दोषियों को उनकी सोच से भी ज्यादा कड़ी सजा देने का आश्वासन देश के लोगों को दिया । इसके साथ ही उन्होंने बिहार के विकास को लेकर कहा कि अब बिहार का मखाना ही बिहार का भाग्य बदलने वाला है । बिहार का मखाना अब विदेश में बहुत पसंद किया जा रहा है । बिहार के युवाओं को अब इस मखाने से जु़ड़ी यूनिट लगाने में मदद मिलेगी । इसी क्रम में मछली पालन भी लोगों को लाभ पहुंचा रहा है
बजट में की मखाना बोर्ड की घोषणा
पीएम मोदी ने कहा -मखाना, आज देश और दुनिया के लिए सुपरफूड है, लेकिन मिथिला की तो ये संस्कृति का हिस्सा है।इसी संस्कृति को ही हम यहां की समृद्धि का भी सूत्र बना रहे हैं।हमने मखाने को GI टैग दिया है यानी मखाना इसी धरती का उत्पाद है, इस पर अब आधिकारिक मुहर लग गई है।मखाना रिसर्च सेंटर को भी नेशनल स्टेटस दिया गया है।बजट में जिस मखाना बोर्ड की घोषणा की गई है, वो बनने से मखाना किसानों का भाग्य बदलेगा।
1.5 लाख परिवारों का नए पक्के घर में गृह प्रवेश
आज ही बिहार के करीब 1.5 लाख परिवार अपने नए पक्के घर में गृह प्रवेश कर रहे हैं। देश भर के 15 लाख गरीब परिवारों को नए घरों के निर्माण के स्वीकृति पत्र भी दिए गए हैं। इनमें भी 3.5 लाख लाभार्थी हमारे बिहार के ही हैं। आज ही करीब 10 लाख गरीब परिवारों को उनके पक्के घर के लिए आर्थिक मदद भेजी गई है। इसमें बिहार के 80 हजार ग्रामीण परिवार और 1 लाख शहरी परिवार शामिल हैं।
रोजगार-स्वरोजगार के लिए मिशन बनाकर हो रहा काम
पीएम ने कहा - देश में महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए, रोजगार-स्वरोजगार के नए अवसर बनाने के लिए सरकार मिशन मोड़ में काम कर रही है। बिहार में चल रहे 'जीविका दीदी' कार्यक्रम से अनेक बहनों का जीवन बदला है। आज ही यहां बिहार की बहनों के स्वयं सहायता समूहों को करीब 1,000 करोड़ रुपये की मदद दी गई है। देश में महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए, रोजगार-स्वरोजगार के नए अवसर बनाने के लिए सरकार मिशन मोड़ में काम कर रही है। बिहार में चल रहे 'जीविका दीदी' कार्यक्रम से अनेक बहनों का जीवन बदला है। आज ही यहां बिहार की बहनों के स्वयं सहायता समूहों को करीब 1,000 करोड़ रुपये की मदद दी गई है। इससे बहनों के आर्थिक सशक्तिकरण को और बल मिलेगा।
देश में 30 हजार नए पंचायत भवन भी बनाए गए
पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि आजादी के अनेक दशकों बाद जहां देश को संसद की नई ईमारत मिली, वहीं देश में 30 हजार नए पंचायत भवन भी बनाए गए।पंचायतों को पर्याप्त फंड मिले, ये भी सरकार की प्राथमिकता रही है। बीते 10 साल में 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड पंचायतों को मिला है। ये सारा पैसा गांवों के विकास में लगा है । बीते दशक में 2 लाख से ज्यादा ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ा गया।
5.50 लाख से ज्यादा कॉमन सर्विस सेंटर गांवों में बने हैं। पंचायतों के डिजिटल होने से एक और फायदा हुआ है। अब जीवन/मृत्यु प्रमाण पत्र, भूमि धारण प्रमाण पत्र जैसे कई दस्तावेज आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। हमने देखा है कि पंचायतों ने कैसे सामाजिक भागीदारी को सशक्त किया है। बिहार, देश का पहला राज्य था जहां महिलाओं को पंचायत में 50% आरक्षण की सुविधा दी गई। आज बहुत बड़ी संख्या में गरीब, दलित, महादलित, पिछड़े और अति पिछड़े समाज की बहन-बेटियां बिहार में जन-प्रतिनिधि बनकर सेवाएं दे रही
आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी
पीएम मोदी ने कहा - अपनी बात प्रारंभ करने से पहले मैं आप सबसे प्रार्थना करना चाहता हूं, आप जहां हैं वहीं अपने स्थान पर बैठकर ही 22 अप्रैल को जिन परिवारजनों को हमने खोया है, उनको श्रद्धाजंलि देने के लिए हम कुछ पल का मौन रखेंगे।इस आतंकी हमले में किसी ने अपना बेटा खोया, किसी ने अपना भाई और किसी ने अपना जीवनसाथी खोया है।उनमें से कोई बांग्ला बोलता था, कोई कन्नड़ बोलता था, कोई मराठी था, कोई ओड़िया था, कोई गुजराती था, कोई यहां बिहार का लाल था।आज उन सभी की मृत्यु पर कारगिल से कन्याकुमारी तक हमारा दुःख एक जैसा है, हमारा आक्रोश एक जैसा है।
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर को किया याद
पीएम मोदी ने कहा - आज राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी की पुण्यतिथि भी है। मैं उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।बिहार वो धरती है, जहां से पूज्य बापू ने सत्याग्रह के मंत्र का विस्तार किया था। पूज्य बापू के दृढ़ विश्वास था कि जब तक भारत के गांव मजबूत नहीं होंगे, तब तक भारत का तेज विकास नहीं हो पाएगा। देश में पंचायती राज की परिकल्पना के पीछे यही भावना है।बीते दशक में पंचायतों को सशक्त करने के लिए एक के बाद एक कदम उठाए गए हैं।टेक्नोलॉजी के माध्यम से भी पंचायतों को मजबूत किया गया है।