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Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ईरानी राष्ट्रपति से हाल ही में की गई बातचीत के बाद पश्चिम एशिया मामलों के जानकार वाइल अव्वाद ने अहम प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि "प्रधानमंत्री मोदी ने साफ संदेश दिया है कि यह युग युद्ध का नहीं, शांति का है।" वाइल अव्वाद ने कहा कि यदि गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (GCC) और फारस की खाड़ी क्षेत्र में युद्ध जैसी स्थिति पैदा होती है, तो इसका सीधा प्रभाव भारत पर पड़ेगा, विशेष रूप से खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा के मोर्चे पर।
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भारत को होगा आर्थिक नुकसान
वाइल अव्वाद ने कहा- भारत का लगभग 7 बिलियन डॉलर का व्यापारिक राजस्व इस क्षेत्र से आता है। ऐसे में अगर युद्ध बढ़ता है, तो भारत को गंभीर आर्थिक झटका लग सकता है।उन्होंने यह भी कहा कि भारत की भू-राजनीतिक स्थिति ऐसी है कि वह इस तनाव को कम करने में एक सक्रिय और संतुलित भूमिका निभा सकता है।
भारत की मध्यस्थता बन सकती है कूटनीति का मॉडल
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत जैसे गैर-पक्षीय और रणनीतिक रूप से संतुलित देश की भूमिका इस समय बेहद महत्वपूर्ण हो सकती है। पश्चिम एशिया में भारत की पकड़, व्यापारिक संबंध और वहां बसे प्रवासी भारतीयों की बड़ी संख्या उसे इस संकट को सुलझाने के लिए एक भरोसेमंद मध्यस्थ बना सकती है।
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